रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सतत् विकास दर के जारी आंकड़ों ने साबित कर दिया है कि राज्य के विकास के मामले में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूरी तरह से असफल है. सतत् विकास लक्ष्य में प्रदेश 19 वें स्थान पर है और 61 स्कोर के साथ राष्ट्रीय औसत से काफी कम अंक प्राप्त किया है. जो प्रदेश के दुर्दशा को बताता है. जिस तरह के स्कोर जारी हुए है यह राज्य के विकास के की तस्वीर को खुद ही दर्शता है. उन्होंने कहा कि कुपोषण के मामले पांच के आयु वर्ग के बच्चों में राज्य का स्थान नीचले क्रम पर है. जो बेहद ही चिंताजनक है.

पांच से छोटे उम्र के कुपोषित बच्चों के मामलें में इंडेक्स स्क्रोर में छत्तीसगढ़ पूरे देश में सातवें नंबर जो कि देश में सबसे कम है. जो राज्य के सबसे बूरे हालत पर है. रक्त अल्पता से पीड़ित 10 से 19 साल के बीच आयु वर्ग में छत्तीसगढ़ पूरे देश में 24 वें स्थान पर है. इस आंकड़े के मुताबिक प्रदेश की हालत दयनीय है. प्रदेश में भूखमरी से निजात पाने में भूपेश बघेल पूरी तरह से नाकाम होती जा रही है.
उन्होंने कहा कि कुपोषण के मामले प्रदेश की स्थिति में कोई सुधार नहीं है. 2019 के मुकाबले 2020 में 40 प्रतिशत के साथ प्रदेश में वही हालत बनीं हुई है. सुपोषण के नाम पर करोड़ों रूपये जो खर्च किये जा रहें हैं वो आखिरकार कहां जा रहे हैं चूकि प्रदेश के हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है.

जिस प्रदेश को शांति का टापू कहा जाता था अब अंशाति कि टापू बन गया है. शांति, न्याय और मजबूत संस्थान के मामलें में पूरे देश में 17 वें स्थान पर हैं. हत्या के मामले 23 वें स्थान, बच्चों के विरूध अपराध में 22 वें, लापता बच्चों में 25 वें स्थान पर है. जो राज्य में अपराध के शर्मनाम स्थिति को दर्शाती है. मानव तस्करी के मामले प्रदेश 2019 के 4.34 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 11.72 प्रतिशत पर आ गया है. नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि जब प्रदेश की हालत हर मामले पीछे है तो प्रदेश सरकार किस दावे के साथ कहती है कि विकास हर तरफ पहुंचाने में सफल हो रहे हैं. इसके साथ ही प्रायोजित तरीके मुख्ममंत्री खुद बेहतर मुख्यमंत्री बताने में जुटे है, जो खुद ही हर मोर्चे पर असफल हैं.

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि गरीबी मिटाने का कांग्रेस ने देश में खत्म करने नारा दिया था जिस पर भी कांग्रेस इनते दशक के बाद कायम नहीं है. प्रदेश सरकार गरीबों के हालत सुधारने के प्रयास में नाकाम है. साल दर साल हालत एक जैसे ही है. कोई सुधार नहीं है. 2019 और 2020 के आकड़े 49 पर सीमित होकर रह गया है. असम, उत्तराखंड हम से बेहतर हालत पर है. उन्होंने प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदाय करने के मामले में प्रदेश 26 वें स्थान पर है. मातृ मृत्यु दर में 2019 के 141 से बढ़कर 2020 में 159 हो गया है.

वही आत्महत्या के मामले में 26.4 प्रतिशत के साथ प्रदेश का स्थान दूसरे स्थान पर है. बच्चों के 1 से 8 कक्षा तक के शाला प्रवेश के मामलों 2019 के 93 प्रतिशत के मुकाबल गिरकर 2020 में 83 प्रतिशत हो गया है. छत्तीगढ़ में महिलाओं के विरूध अपराध के मामलों में अपराध दर 53.5 प्रतिशत दर्ज किया है.

घरेलू विद्युकृत प्रदाय के मामले में छत्तीसगढ़ एक मात्र राज्य है. जिसका दर 99 प्रतिशत है. बाकि सारे राज्य 100 प्रतिशत पर हैं. घरेलू गैस कनेक्शन के मामलें में राज्य बाकी राज्यों से काफी पीछे है. छत्तीसगढ़ का क्रम 24 पर है. कांग्रेस की सरकार सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा देने के मामले में प्रदेश 78 अंकों के साथ काफी पीछे है. यह राष्ट्रीय औसतन से 14 अंक पीछे है, जो वेहद शर्मनाक है.

कौशिक ने कहा कि सुलभ व्यापार को लेकर प्रदेश के आंकड़े तीन पायदान नीचे गये है. साथ ही नवाचार और उद्योग, बुनियादी ढांचा के मामलें भी प्रदेश दो पायदान नीचे आ गया है. इसके साथ जिम्मेदार खपत और उत्पादन में भी 64 अंकों के साथ प्रदेश राष्ट्रीय औसतन से 10 पायदान नीचे है और 24 वें स्थान पर दर्ज है. एलएडी बल्बों के उपयोग से कार्बन डाई अक्साईड़ बचाने में राज्य पीछे है. 2019 में 41 प्रतिशत घटकर हम 38 प्रतिशत में आ गये है.

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