दिल्ली. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक पराजय के बाद पार्टी में कोहराम मचा हुआ है. हार के कारणों का पता लगाने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने कल कार्यसमिति की बैठक बुलाई है.

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस बैठक में जहां हार की समीक्षा होगी वहीं आगे की रणनीति भी तय होगी. ऐसे भी संकेत है कि राहुल गांधी कार्यसमिति की बैठक में अपना इस्तीफा पेश करें. सूत्रों का दावा था कि कार्यसमिति के अधिकांश सदस्य यह मानते है कि राहुल का इस्तीफा इस पराजय से निपटने का तरीका नहीं है.

इस बीच विभिन्न प्रांतों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के इस्तीफे आलाकमान को मिलने शुरू हो गए है. इनमें अधिकांश वे राज्य है जहां कांग्रेस सीट नहीं जीत पाई है. उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राजबब्बर ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया है साथ ही कर्नाटक के प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष एच.के. पाटिल उड़ीसा के प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक, के इस्तीफे भी कांग्रेस आलाकमान के पास पहुंच गए है.

वहीं अमेठी में राहुल गांधी की पराजय को देखते हुए अमेठी के जिला अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने भी अपना इस्तीफा राहुल को भेजा है. योगेंद्र मिश्रा ने इस पराजय की जिम्मेदार स्वीकार करते हुए कहा कि वे सही ढंग से चुनाव का संचालन नहीं कर पाए जिसके कारण राहुल को पराजय का मुंह देखना पड़ा.

पंजाब में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राहुल से नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्रिपरिषद से बाहर करने की मांग की है. सूत्र बताते है कि कैप्टन अमरेंद्र ने राहुल को साफ कहा है कि सिद्धू के कारण पार्टी भठिंडा की सीट हारी है और वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त है अत: तत्काल उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाए. गौरतलब है कि सिद्धू और अमरेंद्र के बीच शुरू से ही 36 का आंकड़ा चल रहा है.

कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्र बताते है कि इस पराजय से सबक लेकर अब पार्टी अध्यक्ष संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन करने की तैयारी में है जिसके तहत अधिकांश प्रदेशों के अध्यक्षों को हटाया जाना तय है. कुछ अध्यक्षों को हटाने से पहले नेतृत्व की ओर से संकेत भेजने का काम शुरू हो चुका है ताकि वे स्वयं अपने-अपने पदों से इस्तीफा देकर नये लोगों को लेकर पद खाली कर सके.