रायपुर। विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साल भर की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजिम पुन्नी मेला, हरेली-तीजा, विश्व आदिवासी दिवस, छठ पूजा की छुट्टी दी है. छत्तीसगढ़ लोक रंगों की धरती है. यहां अनेक बोली और भाषा बोली जाती है. इसका अपना संसार है. अपनी ऊंचाई है. कल छत्तीसगढ़ विधानसभा में नया इतिहास गढ़ा गया. डॉक्टर नरेंद्र देव वर्मा लिखित अरपा-पैरी के धार को राजकीय गीत को सदन में गाने की परिपाटी शुरू की गई. इस वर्ष हमने मीर अली मीर को सम्मानित किया है. उनका नंदा जाहि का…सबने सुना है. जिस तरह से पुन्नी मेला जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर है उसे विकसित करने की परंपरा शुरू की है. अब कोई कवि चिंता नहीं करेगा कि नंदा जाहि का.

छत्तीसगढ़ में पहली बार हम नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल करने जा रहे है. जिसकी चर्चा न केवल देश मे बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. यह लोकरंग से परिपूर्ण रहेगा. हमने सभी राज्य, सभी केंद्र शासित प्रदेश को भी आमंत्रण भेजा है. यह देश का पहला राज्य है, जहां हमने वैद्य का सम्मेलन किया था. एक हजार से अधिक वैद्य जंगलों से निकलकर आये थे. सैकड़ों हजारों सालों से जो हमारी परंपरा थी ना तो उसे लिपिबद्ध करने की कोशिश की गई ना ही ज्ञान बांटने की कोशिश की गई. अब जो हम बोर्ड का गठन कर रहे हैं उसे लिपिबद्ध करेंगे. हमने वैद्यों को भी ट्राइबल डांस फेस्टिवल में आमंत्रित किया है.

उन्होंने कहा कि कल अजय चंद्राकर कह रहे थे कि आज कल सरकार गम्मत कर रही है. गेड़ी, बाजा, फुगड़ी इनके लिए गम्मत हो सकता है, लेकिन ये हमारी परंपरा है, हमारी संस्कृति है. हम जो नेशनल यूथ फेस्टिवल मनाने जा रहे हैं, उसमें भी इन सब चीजों को शामिल किया जाएगा. सही मायने में अब सरकार में छत्तीसगढ़ की सौंधी खुशबू आ रही है. भगवान राम ने अधिकांश वक़्त छत्तीसगढ़ में गुजारा है. भगवान के नाम पर बीजेपी वोट मांग सकती है, सरकार बना सकती है, लेकिन उसके लिए काम नहीं कर सकते.

अयोध्या का फैसला भी कोर्ट से आया है. हम इस फैसले का ही इंतजार कर रहे थे. राम वन पथ गमन के लिए हमने 5 करोड़ का बजट में प्रावधान किया है. इसका कॉन्सेप्ट प्लान 92 करोड़ रुपये का है. ये हमारा सौभाग्य है कि स्वामी विवेकानंद जिन्होंने भारतीय दर्शन से पूरी दुनिया को बताने का काम किया. कोलकाता के बाद केवल छत्तीसगढ़ है, जहां वह सर्वाधिक दो साल तक रहे. 1877 से 1879 तक रायपुर में रहे. हमने तय किया है कि जिस जिस भवन में थे वहां उनकी स्मृतियों को कही स्थायी बनाया जाएगा. बजट में दो करोड़ का प्रावधान रखा गया है.

माता कौशल्या की धरती है छत्तीसगढ़ लेकिन पिछली सरकार ने क्या किया ? भगवान राम को हम भंचा राम के नाम से पूजते हैं. अब ये हमे राम को बताने चले है. ये वोट पाने का माध्यम नहीं हो सकता. राम वन पथ गमन को चिन्हित कर उसे विकसित करेंगें. सीतामढ़ी चौकी से सुकमा तक. ताकि ये संस्कृति हमसे जुड़ सके.

भूपेश ने कहा कि इनकी रुचि रही है स्काई वाक. इनकी रुचि रही है छह हजार करोड़ रुपये की नई राजधानी, जहां कोई नहीं रहता. हमारे विकास की दृष्टि छत्तीसगढ़ का एक-एक व्यक्ति है. सिर्फ व्यक्ति नहीं बल्कि यहां का मवेशी भी हमारी निगाह में है, जिसके लिए हम योजना बना रहे है. अब बीमा कम्पनी को पैसा नहीं जाएगा. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य योजना में 56 लाख परिवार को फायदा होगा. 20 लाख तक हम स्वास्थ्य के लिए आर्थिक सहायता देंगे, यह देश मे सर्वाधिक है. 2 अक्टूबर से मुख्यमंत्री सुपोषित योजना हमने शुरू की थी, आज लाखों बच्चे लाभान्वित हो रहे है.

डीएमएफ का पैसा अब स्वास्थ्य, सुपोषण, शिक्षा के लिए खर्च हो रहा है. आज बस्तर के विधायक डॉक्टर की कमी की बात नहीं करता. जगदलपुर में 25 डॉक्टर है. बीजापुर में 26 डॉक्टर है. ये डीएमएफ का पैसा आदिवासियों के हित के लिए था. पिछली सरकार इस पैसे से कंक्रीट का जंगल खड़ा करना चाहते थे, हम मानव संभ्यता का विकास करना चाहते हैं.

फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट की स्थापना के लिए दस करोड़ रुपये बजट में प्रावधान किया गया है. पिछली सरकार ने बड़े-बड़े आयोजन किये, विदेश दौरा किया लेकिन एक भी उद्योग नहीं आया. हमने नई उद्योग नीति बनाई है. समावेशी विकास करने की हमारी योजना है.

भूपेश बघेल ने कहा कि एक दिन में कोई रिजल्ट नहीं मिलता. अधिकारी वहीं है, लेकिन पहले क्या काम लिया जाता था और आज कैसा काम लिया जा रहा है. हमने अधिकारियों को गांव से जुड़ने का काम कराया. पहले लोग अधिकारियों से मिलने से घबराते थे लेकिन आज अधिकारी लोगों के साथ जुड़कर विकास की दिशा में काम कर रहे हैं. नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना का मजाक बनाते है, मैं पूछता हूँ केंद्र सरकार क्या कर रही है. घर-घर नल, पानी का दोहन करना चाहते है. स्वच्छता अभियान का हम विरोध नहीं करते थे, हम यही कहते थे कि पहले पानी की व्यवस्था कीजिये.

सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि दिल्ली को गैस चैंबर में मत बदलिए, लेकिन केंद्र के कान में जूं तक नहीं रेंग रही और हम यहां काम कर रहे है तो इन्हें दिक्कत क्यों हो रही है ? ग्लोबल वार्मिंग को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. मौसम को ठंडक कैसे किया जा सकता है. पानी और हवा दोनों को आज प्रदूषित कर रहे है. पानी का स्त्रोत बढ़ा दें तो पानी जमीन में बना रहेगा. ठंडक बनी रहेगी. यही काम तो छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है. एक हजार नालों के डीपीआर का काम हमने तैयार कर लिया है. पर्यावरण को बचाने का काम ही तो छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है. पैरा को हमने कंपोस्ट खाद्य में बदलने का सुझाव हमने केंद्र को दिया था. ये तो मानवता को लेकर है, इसका विरोध क्यों करते हैं.