ग्वालियर। ग्वालियर से कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने अवैध उत्खनन के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार पर उत्खनन माफियाओं से मिलीभगत का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि खनिजों की खोज करने वालों को खनिज की सुरक्षा की जिम्मेदारी दे दी गई है। मैंने विधानसभा में प्रश्न पूछा था लेकिन खनिज मन्त्री ने संतोष जनक जबाव नहीं दिया और माना कि खनिज विभाग के पास कम लोग हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश में खनिजों की सुरक्षा कैसी होगी।

सिकरवार ने मीडिया से बातचीच में कहा कि खनिज की खोज करने वालो (जियोलॉजिस्ट) को खनिज की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि उनकी सेवा शर्तों में साफ उल्लेख है कि उन्हें प्रशासनिक पदों पर नहीं रखना है। उनका कार्य जिलों में खनिजों का सर्वे करना है, खोजना है ताकि वहां उस प्रकार का उद्योग धंधा लगाया जा सके। कुछ दिन पहले ही शिकायत के बाद सीएम ने उन्हें हटाया था। उन्हें क्यो रखा गया है, मुख्यमंत्री कहते हैं अधिकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में खनिजों का अवैध उत्खनन हो रहा है, चाहे वो रेत हो, पत्थर का हो, कोयला का हो। खनन माफियाओं द्वारा लगातार पुलिस के ऊपर और वन विभाग के ऊपर हमले कर रहे हैं। इस पर कोई प्रभावी कदम सरकार नहीं उठा रही है बल्कि उनको संरक्षण देने का कार्य कर रही है। फ्लाइंग स्क्वॉयड में भी जियोलॉजिस्टों को ही पदस्थ कर दिया गया है।

सिकरवार ने आगे कहा, सरकार पता नहीं किस लेन-देन में शामिल है, जिस अधिकारी की जहां जरुरत है वहां पदस्थ नहीं किया जा रहा है बल्कि उनको दूसरी जगह पदस्थ किया जा रहा है। सरकार की मंशा क्या है यह समझ नहीं आ रहा है, रेत उत्खनन किया जा रहा है, नदियों के स्वरुप को बिगाड़ा जा रहा है। जीव जंतुओं को भी नुकसान हो रहा है। एनजीटी का साफ निर्देश है कि जेसीबी, पोकलेन से रेत का उत्खनन नहीं होगा। जहां रेत है वहां उत्खनन नहीं हो रहा है, कहीं वन विभाग की जगह पर उत्खनन किया जा रहा है, कहीं किसी और विभाग की जगह पर। पूरे प्रदेश में अवैध उत्खनन को बढ़ावा मिल रहा है। सरकार की इसमें मिलीभगत लग रही है।

देखिये वीडियो

[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=Vvna4WaqFr4[/embedyt]