हेमंत शर्मा, इंदौर। रिहायशी इलाकों में दहशत फैलाने वाले तेंदुए का वन विभाग ने बड़ी मशक्कत के बाद सफल रेस्क्यू कर लिया है। तेंदुए से खौफजदा लोगों ने रेक्स्यू के बाद राहत की सांस ली है। बताया जाता है कि इस दौरान तेंदुए ने लगभग आधा दर्जन लोगों को घायल कर चुका था। इसमें वन विभाग के कर्मचारी भी शामिल हैं। शहर की घनी आबादी के बीच तेंदुए ने दो दिनों तक लोगों को दहशत में रखा था। लोग इतने डरे थे कि शाम होते ही घरों में दुबक जाते और बाहर निकलना बंद कर दिया था। वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा दो दिन की रेस्क्यू के बाद तेंदुआ पकड़ में आया।

रालामंडल वन्य अभ्यारण से भटक कर आया था शहर

बताया जाता है कि रालामंडल वन्य अभ्यारण से भटक कर तेंदुआ शहर में आ गया था। उसके हमले से तीन लोग घायल भी हो गए थे। सब पहले वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके को सील किया। बुधवार खंडवा रोड़ पर स्थित एक फार्म हाउस में तेंदुए को देखा गया। इसके बाद उसे पकडने की कोशिश लगातार की जा रही थी। अंधेरा होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया था। गुरुवार सुबह तेंदुए के फार्म हाउस से निकलकर शिव धाम कॉलोनी में जाने की सूचना मिली। वहां उसने निर्माणाधीन इमारत में रहने वाले मजदूर परिवार के साथ ही वनकर्मी समेत 6 लोगों को घायल कर दिया था। दरअसल, तेंदुआ निर्माणाधीन मकान की सीढ़ी के नीचे जाकर छिप गया था। जिसे पकडना खासी मुश्किल हो रही थी।

तेंदुआ वयस्क और ताकतवर

वन विभाग के अधिकारी एचएस मोहन्ता ने बताया कि संयुक्त टीम ने तेंदुआ किसी पर हमला ना कर दे, इसलिए पहले सीढियों को जाल से ढंका गया। इसके बाद उसे बेहोश करने डॉट फायर किया गया। इसके बाद भी बड़ी दिक्कतों के बाद तेंदुआ काबू में आया। इस दौरान वनकर्मियों ने उसे दबाए रखने के लिए डंडों का भी इस्तेमाल किया। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे विशेषज्ञों की मानें तो तेंदुआ वयस्क और ताकतवर है। जिसे पकडऩा आसान नहीं था। लेकिन टीम की सूझबूझ से सफलता मिल गई।