शिवम मिश्रा, रायपुर। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी में घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस के नेता अपने ही पार्टी के बड़े नेता पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. इस बीच एक बार फिर से कांग्रेस नेता अरुण सिसोदिया ने लेटर बम फोड़ा है. जिसमें कई सारे आरोप लगाए गए हैं. बता दें कि कुछ दिनों पहले सिसोदिया ने सार्वजनिक तौर पर कोष में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने नोटिस जारी कर 3 दिनों में जवाब मांगा था.

कारण बताओ नोटिस पर अरुण सिसोदिया ने स्पष्टीकरण प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पेश किया है. कारण बताओ नोटिस के जवाब में 13 बिंदुओं पर कई महवत्पूर्ण बातें लिखी गई है और साथ ही आरोप लगाए गए हैं.

सिसोदिया ने दीपक बैज से कहा है कि कोष में गड़बड़ी का जांच होना चाहिए. साथ ही कहा कि आपके द्वारा दिया गया पत्र कैसे लीक हुआ, इसकी एक समिति बनाकर जांच की मांग करता हूं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी को हुए नुकसान की भरपाई रामगोपाल अग्रवाल और विनोद वर्मा से करने की मांग की है. इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को अपमानित करने का आरोप लगते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ता को स्लीपर सेल कहकर उनका अपमान करने पर भूपेश बघेल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि मेरे द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया है, जिससे पार्टी की छवि धुमिल और मेरा पत्र व कार्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में नहीं आता है.

अरुण सिसोदिया ने पहले लगाया था ये आरोप

AICC के सदस्य अरुण सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और पूर्व सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी को 5 करोड़ 89 लाख रुपये का भुगनान कर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था. सिसोदिया ने दोनों नेताओं पर कारवाई की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, पार्टी में अगर सच बोलना बगावत है तो मैं बागी हूं. जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया.