दिल्ली सरकार के कई विभाग संवेदनशील मामलों की फाइलें सीधे उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना(VK Saxena) को भेज रहे हैं, बिना मुख्यमंत्री की सलाह लिए। इस पर एलजी ने कड़ी नाराजगी जताई है। सूत्रों के अनुसार, एलजी ने सभी अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि अब से किसी भी संवेदनशील मामले की फाइल सीधे एलजी को न भेजी जाए। इसके लिए आवश्यक है कि पहले मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की राय ली जाए।

अब इस संबंध में दिल्ली सरकार के संयुक्त सचिव प्रदीप तायल की ओर से आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कुछ विभाग GNCTD एक्ट, 1991 की उस धारा का पालन नहीं कर रहे, जिसके तहत संवेदनशील मामलों की फाइल मुख्यमंत्री के माध्यम से उपराज्यपाल के पास भेजी जाती है। मुख्य सचिव के निर्देश पर सभी प्रशासनिक सचिवों से कहा गया है कि वह उपराज्यपाल के विचार के लिए किसी भी प्रस्ताव या मामले को भेजने से पहले नियमों का पालन सुनिश्चित करें। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि नियमों का पालन न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

इन मामलों में राय जरूरी

आदेश में संवेदनशील मामलों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिनमें शामिल हैं:

ऐसे मामले जो दिल्ली की शांति और सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं।

मामले जो विशेष समुदाय, एससी-एसटी, पिछड़े वर्ग या किसी अन्य वर्ग के हितों को प्रभावित करते हैं।

मामले जो दिल्ली सरकार के केंद्र सरकार, किसी राज्य, सुप्रीम कोर्ट या दिल्ली हाईकोर्ट से संबंधों को प्रभावित करते हैं।

दया याचिकाएं और अन्य जरूरी मामले।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m

देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक