LIC IPO के निवेशकों को काफी घाटा सहन करना पड़ रहा है. पहले ही दिन 13 फीसदी गिरावट के साथ यह 867.20 रुपये पर सेटल हुआ था. जबकि इसका प्राइज बैंड 902-949 रुपये था. इश्यू प्राइस की तुलना में अभी यह करीब 15 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. LIC पहले ही ICICI Bank से पिछड़कर 7वें नंबर की कंपनी बन गई है.


लिस्टिंग के बाद अब तक ज्यादातर सेशंस में एलआईसी के शेयर नुकसान के साथ बंद हुए हैं. इसका खामियाजा एलआईसी के आईपीओ में पैसे लगाने वाले इन्वेस्टर्स को उठाना पड़ रहा है. पिछले 14 ट्रेडिंग सेशन में एलआईसी का मार्केट कैप (LIC MCap) 94 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कम हुआ है.

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बाजार में लिस्ट होने के महज दो सप्ताह में ही एलआईसी शेयर का भाव 7.72 फीसदी यानी 67 रुपये गिरने लगा. इसके कारण एलआईसी का मार्केट कैप कम होकर 5,06,126 करोड़ रुपये पर पर आ गया है. आईपीओ के इश्यू प्राइस के अपर बैंड के हिसाब से एलआईसी की वैल्यू 6,00,242 करोड़ रुपये थी. इसका मतलब हुआ कि इसके आईपीओ में पैसे लगाने वाले इन्वेस्टर्स के 94,116 करोड़ रुपये अब तक डूब चुके हैं.

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LIC के MD राज कुमार के मुताबिक एलआईसी अभी करीब 42 ट्रिलियन रुपये की संपत्ति का प्रबंधन कर रही है. कंपनी संपत्तियों का करीब 25 फीसदी हिस्सा शेयर बाजार में लगाती है. इससे पहले कंपनी ने 2021-22 में स्टॉक मार्केट के अपने इन्वेस्टमेंट से 42,000 करोड़ रुपये का प्रॉफिट बुक किया.