कुमार इंदर, जबलपुर। स्वास्थ्य विभाग ने शहर में अलग-अलग स्थानों पर चल रहे 122 क्लीनिक के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। दरअसल, इन क्लीनिकों के लाइसेंस निरस्त करने के पीछे की वजह से समय पर इन क्लीनिक द्वारा लाइसेंस के लिए अप्लाई ना करना है। डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि 31 मार्च को जब नवीनीकरण की लिस्ट का मिलान किया गया तो इन 122 क्लीनिक की तरफ से किसी भी तरह के नए लाइसेंस के लिए अप्लाई नहीं किया गया था।

लिहाजा, इस आधार पर क्लीनिकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। डॉ संजय मिश्रा ने कहा कि इन क्लीनिक की तरफ से भविष्य में किसी प्रकार का आवेदन किया जाता है तो उन पर विचार किया जाएगा। आपको बता दें कि बिना पंजीयन के क्लीनिक चलाना गैर कानूनी और अपराध की श्रेणी में आता है।

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कार्रवाई के बाद उठ रहे कई सवाल

सवाल उठ रहे हैं कि 122 क्लीनिक जिन्होंने लाइसेंस के लिए अप्लाई नहीं किया था क्या वह फर्जी तरीके से चल रहे हैं या फिर उनके डॉक्टर क्वालिफाइड नहीं है। बता दें कि क्लीनिक रजिस्ट्रेशन के लिए महज 750 रुपये फीस भरनी होती है लेकिन उसके बावजूद 122 अस्पतालों ने नए लाइसेंस के लिए अप्लाई नहीं किया।

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