अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्यप्रदेश के शहडोल से बड़ी खबर सामने आई है। शासकीय अस्पताल में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा का दावा करने वाली आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के ब्यौहारी सिविल अस्पताल से न केवल पोल खोलने वाली एक तस्वीर सामने आई, बल्कि मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। जिले के ब्यौहारी सिविल अस्पताल में समय पर इलाज और डॉक्टर की लापरवाही के कारण 6 साल के बच्चे की मौत हो गई। इधर परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, शासकीय ब्यौहारी सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने इलाज के लिए 1150 रुपए लेने के बाद भी इलाज नहीं किया।

इलाज के अभाव में तोड़ा दम

जिले में इलाज के अभाव में 6 साल के मासूम की मौत हो जाने से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि, ब्यौहारी के बुढ़वा के रहने वाले 6 साल के रमेश विश्वकर्मा की तबियत बिगड़ने पर उसे सिविल अस्पताल ब्यौहारी इलाज के लिए ले कर आए थे। लेकिन अस्पताल में समय पर इलाज नहीं मिलने और डॉक्टर के नहीं आने से इलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो गई।

परिजनों का गंभीर आरोप
बच्चे के परिजनों का कहना है कि ड्यूटी डॉक्टर द्वारा जांच के नाम पर 1150 रुपए लेने के बाद भी इलाज नहीं किया। इलाज के लिए डॉक्टर से मरीज के परिजन गुहार लगाते रहे, लेकिन इलाज के लिए एक भी डॉक्टर नहीं आया। जिसके कारण मासूम की मौत हो गई।

डॉक्टर ने बताई परिजनों की गलती
इधर ड्यूटी डॉक्टर ने सभी आरोपों को निराधार बताया। डॉक्टर ने परिजनों पर ही समय पर इलाज नहीं कराने और क्रिटिकल कंडीशन में अस्पताल लाने के कारण मौत होना बताई है।

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