वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. शराब घोटाला मामले में जेल में बंद प्रदेश के पूर्व मंत्री, कोंटा विधायक कवासी लखमा ने हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है। उन्होंने यह याचिका एसीबी की गिरफ्तारी से बचने के लिए लगाई है, जिस पर आने वाले दिनों में सुनवाई होगी। वहीं लखमा ने विधानसभा सत्र में शामिल होने की अनुमति के लिए आवेदन लगाया था, जिस पर स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई। कवासी लखमा की अनुपस्थिति से विधानसभा सत्र के संचालन में कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा कहते हुए कोर्ट ने आवेदन खारिज कर दिया है।

शराब घोटाला मामले में कवासी लखमा को ईडी ने 15 जनवरी को उन्हें गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के 7 दिन बाद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पहले ED ने 7 दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की 18 फरवरी तक रिमांड बढ़ा दी थी। वहीं 18 फरवरी को सुनवाई के बाद 4 मार्च तक की न्यायिक रिमांड बढ़ा दी गई है।

दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ दर्ज है FIR

बता दें कि छत्तीसगढ़ में शराब और कोयला घोटाले मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी। इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, शिशुपाल का नाम शामिल हैं। इनके अलावा 2 निलंबित IAS, रिटायर्ड IAS अफसर सहित कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल सहित अन्य के नेताओं के नाम भी हैं।

कोयला घोटाले में 30 से अधिक नाम और शराब घोटाले में 70 नाम शामिल हैं। ये एफआईआर ACB में पिछले साल 17 जनवरी को कराई गई थी। पूर्व मंत्री लखमा को डर है कि एसीबी भी उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ कर सकती है। ऐसे में उन्होंने एहतियातन हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर लगाई है।