इमरान खान, खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा (Khandwa) जिले में पिछले दिनों तेज बारिश के चलते बाढ़ आई थी। जिसके चलते कई नाव नर्मदा नदी में बह गए थे। इन्हीं नावों से नाविकों की आजीविका चलती थी। जिसके बाद अब इन नाविकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
प्रदेश में बीते दिनों नर्मदा नदी के ऊपरी क्षेत्रों में हुई लगातार बारिश के बाद खंडवा जिले के इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए थे। जिसके बाद निचले क्षेत्रों में नर्मदा उफान पर थी। इसका सबसे ज्यादा असर तीर्थनगरी ओंकारेश्वर और मोरटक्का में देखने को मिला था। जो रास्ते में आया वो नर्मदा में समाता चला गया।
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ऐसे ही घाटों पर बंधी नाविकों की नाव बाढ़ की चपेट में आ गई। पानी उतरने के बाद 20 से अधिक नावे पहाड़ी पर लटकी मिली है। नावों के नुकसान से नाविक परिवारों की रोज़ी–रोती खतरे में आ गई है और उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
बताया जा रहा है कि ओंकारेश्वर में 200 से अधिक नावे चलती है। जिनसे कई परिवारों की आजीविका चलती है, लेकिन बाढ़ में नाव बहने के कारण अब इन सबके माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी है। नाविकों का कहना है कि पानी के तेज बहाव में हमारी नाव पहाड़ों पर अटक गई है तो कई नाव में टूट-फूट गई है।
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