Loan From Microfinance Firms: माइक्रो फाइनेंस कंपनियां लोगों को तुरंत ऋण देने का लालच देती हैं और ऊंची ब्याज दरें वसूलती हैं. इससे कर्जदारों के लिए ऋण चुकाना मुश्किल हो जाता है और उन्हें अधिक भुगतान करना पड़ता है या ऋण नहीं चुका पाने की स्थिति में उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. असम सरकार ने ऐसी माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है जो लोन के नाम पर लोगों से पैसे वसूल रही हैं. राज्य सरकार ने लोगों से कहा है कि वे ऐसी कंपनियों या संस्थानों से बचे जो लोन देते हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य की महिलाओं से सूक्ष्म वित्त संस्थानों से ऋण लेने से परहेज करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इन संस्थानों द्वारा ऋण पर ली जाने वाली ब्याज दरें अव्यवहारिक रूप से अधिक हैं और ऋण धारक के लिए अपना ऋण चुकाना लगभग असंभव है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनपीए घोषित किये गये लोगों के खातों के बदले ऋण देने वाले माइक्रोफाइनेंस संस्थानों को राज्य सरकार कुल 291 करोड़ रुपये का मुआवजा दे रही है. इस कदम से राज्य के लगभग 2.2 लाख ऋण धारकों को ऐसी संस्थाओं के चंगुल से मुक्त होने में मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2021 के असम विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कई महिलाएं उनके पास ऋण चुकाने में असमर्थता के कारण ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा उत्पीड़न की शिकायत लेकर आई थीं. उन्होंने माइक्रोफाइनेंस संस्थानों से कर्ज लेने वाली महिला कर्जदारों की शिकायतों पर गौर करने का वादा किया था और अब उन्हें राहत दी है.
हिमंत बिस्वा सरमा ने महिलाओं से राज्य सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को प्रदान की जाने वाली 10,000 रुपये की राशि का उचित उपयोग करके आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की भी अपील की. सरमा ने कहा कि उत्पादकता उद्देश्यों के लिए राशि का उपयोग करने वालों को अतिरिक्त 15,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे.
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