सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 27 सितंबर को राज्यव्यापी कलम बंद, काम बंद, ताला बंद का आव्हान किया है। फेडरेशन ने “मोदी की गारंटी” लागू करने की मांग पर हड़ताल के चौथे चरण का ऐलान किया है। इस चरण में 33 जिला और 146 विकासखंड के कर्मचारी और अधिकारी प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त करेंगे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
बता दें कि प्रदेश के सभी संभाग/ जिला/ ब्लॉक के प्रभारी/संयोजक/पदाधिकारी/प्रतिनिधियों ने 6 अगस्त को मंत्रालय ने सामने “झन करव इनकार हमर सुनव सरकार” आंदोलन के प्रथम चरण में मशाल लेकर जमकर प्रदर्शन किया था। द्वितीय चरण में 20 से 30 अगस्त तक सांसदों एवं विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया, तृतीय चरण में 11 सितंबर 24 को जिला/ब्लॉक/तहसील में मशाल रैली तथा प्रदर्शन किया गया। अब चौथे चरण में 27 सितंबर को प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी अवकाश में रहकर कलम बन्द काम बन्द हड़ताल करेंगे। यदि सरकार ने मोदी की गारंटी पर क्रियान्वयन नहीं किया तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का आव्हान करेगा।
फडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, सचिव राजेश चटर्जी, ओंकार सिंह, बीपी शर्मा, प्रवक्ता जीआर चंद्रा, चंद्रशेखर तिवारी, सत्येन्द्र देवांगन, रोहित तिवारी, मनीष मिश्रा, केदार जैन, राजनारायण द्विवेदी और विवेक दुबे ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी की घोषणा हुई थी। सरकार बनने पर प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान डीए/डीआर दिया जायेगा, लंबित डीए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित की जाएग सहित अन्य 8 प्रतिबद्धता थी। लेकिन सरकार बनने के बाद क्रियान्वयन पर मौन धारण करना कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बन गया है।
फेडरेशन लंबे समय से शासकीय सेवकों को केन्द्र के समान गृहभाड़ा भत्ता,अर्जित अवकाश 240 दिन के स्थान पर 300 दिन करने जैसे मुद्दों सहित शासकीय सेवक कल्याण के अनेकों मुद्दों का ज्ञापन राज्य सरकार को समय-समय पर दिया है। लेकिन सरकार कर्मचारियों के मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है।
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