रायपुर- रायपुर कोर्ट में विभिन्न मामलों के निपटारे के लिए शनिवार को लोक अदालत लगाया गया है. जिसमें जज द्वारा आम लोगों के मामलों को दोनों पक्षों की रजामंदी से निपटाने की कोशिश की गई है.
शनिवार की लोक अदालत में कुछ फ़िल्मी मामले भी देखने को मिले. बॉलीवुड कि चर्चित फिल्म बाग़बान की तरह ही वृद्ध माँ-बाप की देखरेख और आर्थिक मदद किस बेटे के जिम्मे होगा, इसको लेकर एक मामला आया है. फैमिली कोर्ट में वृद्ध माता पिता के दोनों बेटों के साथ सुनवाई शुरू की गई. उनके साथ दोनों बहुएं भी साथ थीं. बेटों की शादी होने के बाद से ही माँ-बाप को रखने के लिए बहुओं के बीच मन मुटाव शुरू हो गया. जैसे ही यह मामला कोर्ट में आया. प्राथमिकता से इसके निपटारे को लेकर सुनवाई शुरू हुई.
मामले को लेकर दोनों ही पक्षों की बातों को कोर्ट ने सुना. जिसके बाद उन्हें समझाइश देते हुए न्यायाधीशने कहा कि माता-पिता की देखरेख और उनके दवाइयों का खर्च दोनों पुत्रों को वहन करना होगा. यह उनकी जिम्मेदारी भी है और माता-पिता का अधिकार भी. ऐसे में दोनों ही बेटों के साथ 6-6 महीने माता-पिता रहेंगे और उनकी देख रेख करेंगे. इस समझाइश के बाद उनके निर्णय को दोनों ही पक्षों ने स्वीकार कर लिया.
वहीं शनिवार की लोक अदालत में सबसे ज्यादा मामले बैंकों से संबंधित आए. जिनमें करोड़ों के मामले का निपटारा भी इस लोक अदालत के द्वारा किया गया. कुल 5 हजार मामले लोक अदालत में लगे हैं. जिनमें से 7 सौ मामलों का निराकरण करने का लक्ष्य रखा गया था, जिस पर देर शाम तक सुनवाई चलती रही.