शिखिल ब्यौहार, भोपाल। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में सोमवार को चौथे चरण के मतदान के साथ मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का चुनावी रण खत्म हो गया। लेकिन एमपी में ताबड़तोड़ सभाएं और प्रचार में जुटे मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की जिम्मेदारी और राजनीतिक कद आगामी चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय नेतृत्व ने बढ़ा दी हैं। लिहाजा अब अन्य प्रदेशों में बड़े स्तर पर प्रचार की जिम्मेदारी एमपी के मुखिया को सौंपी गई हैं। चौथे चरण के तत्काल बाद सीएम यादव ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में चुनावी आमद दर्ज कराई। इससे पहले बिहार समेत अन्य प्रदेशों में चुनावी दौरे पर रहे। अब स्टार प्रचारक के तौर पर सीएम यादव का हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, नई दिल्ली और महाराष्ट्र में जनसभाएं और रोड शो का प्लान राष्ट्रीय संगठन ने तैयार किया है।
16 मई को झारखंड जाएंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 16 मई को झारखंड के रांची जाएंगे। यहां वे हजारीबाग संसदीय क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करेंगे। दोपहर को कोडरमा संसदीय क्षेत्र में जनसभा और फिर धनबाद संसदीय क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करेंगे। एमपी के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो सीएम ने कुल 142 जनसभा, 55 रथ सभा को मिलाकर 197 सभाएं कीं। वहीं 56 से अधिक रोड शो और 185 से अधिक विधानसभाओं के दौरे किए। 22 प्रत्याशियों के नामांकन में शामिल हुए। इसके अलावा यूपी की हाई प्रोफाइल सीट अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के नामांकन में शामिल हुए।
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राष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ते ही शुरू हुई सियासत
मुख्यमंत्री मोहन यादव के राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते कद पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने बीजेपी पर वार करते हुए कहा कि जात पात की सियासत के लिए सिर्फ एमपी के सीएम का अन्य प्रदेशों में उपयोग किया जा रहा है। चुनाव खत्म होने के बाद बढ़ता कद तय दायरे में सीमित होगा।
कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि बीजेपी एक तरफ जात-पात, क्षेत्रवाद के भेदभाव पर विश्वास नहीं करने की बात करती है। दूसरी ओर जाति के आधार पर राजनीति करती है। आरोप कांग्रेस पर लगाती है। बीजेपी ने 50 से ज्यादा टिकट नेताओं के परिवारों में दिया तो कांग्रेस कैसे परिवारवादी हुई, इस बात का जवाब भी बीजेपी को देना चाहिए। पीएम मोदी कई सभाओं में अपनी जाति बताते हैं तो कांग्रेस के वर्चस्व क्षेत्र में परिवारवाद पर कांग्रेस के खिलाफ बोलते हैं। चुनावों में मुखौटा के तौर पर सीएम मोहन यादव का उपयोग हो रहा है। एमपी में सरकार दिल्ली के रिपोर्ट पर है। काम के बाद रिमोट तो वहीं रहेगा लेकिन सिस्टम बदल दिया जाएगा।
बीजेपी ने किया पलटवार
कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने पलटवार किया। बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस को पिछड़ों को आगे बढ़ते देखने में हमेशा दर्द होता है। यही कारण है कि सालों से सत्ता में रही कांग्रेस पिछड़ों को उनका हक नहीं दिला पाई। कांग्रेस के इतिहास में भी पिछड़ों को आगे नहीं बढ़ाया। जब जनता से जवाब मांगा तो गांधी परिवार ने अपने चेहरे पर मुखौटा लगाया। यह राजनीति की नहीं बल्कि गर्व की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अन्य प्रदेशों में एमपी का नाम रोशन कर रहे हैं।
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