मुंबई. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख एवं पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री शिवाजीराव पाटिल का गढ़ रहे लातूर लोकसभा क्षेत्र में एकबार फिर भाजपा एवं कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई के आसार दिखने लगे हैं. भाजपा ने इस सीट पर हैट्रिक करने के लिए जहां वर्तमान सांसद सुधाकर श्रृंगारे पर विश्वास जताया है वहीं कांग्रेस ने इस बार सीट पर कब्जा जमाने के लिए डॉ.शिवाजी कालगे को मैदान में उतारा है.

लातूर लोकसभा के लिए तीसरे चरण में यानी 7 माई को मतदातन कराया जाना है. लातूर सीट पर जीत हासिल करने के लिए भाजपा के नेतृत्ववाली महायुति एवं विपक्षी दलों के गठबंधन महाविकास आघाड़ी (इंडिया) की तरफ से प्रचार कार्य शुरू हो गया है. इमरजेंसी के बाद उस्मानाबाद लोकसभा क्षेत्र का विभाजन कर बनाये गए लातूर लोकसभा क्षेत्र पर शुरू से ही कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. 1982 में लातूर नया जिला गठित हुआ. लेकिन उसके पहले से कांग्रेस का वर्चस्व इस इलाके में रहा है. इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर तुलसीराम कांबले तीन बार एवं शिवाजीराव पाटिल चाकूरकर 6 बार सांसद निर्वाचित हुए हैं. इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में भारतीय किसान एवं वं मजदूर पार्टी के उद्धव राव पाटिल सांसद निर्वाचित हुए थे. भारतीय जनता पार्टी की रूपताई पाटिल निलंगेकर ने 2004 में शिवराज पाटिल के चक्रव्यूह को तोड़ कर चुनाव जीता था. उस समय निलंगेकर ने शिवराज पाटिल को 30,551 वोटों से शिकस्त दी थी.

जाने लातूर को करीब से

लातूर में बड़ी संख्या में चीनी मिले हैं. रेल कारखाना तैयार हो रहा है लेकिन लातूर जिला अकाल वाले क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है. कुछ साल पहले जिले में पानी की बहुत अधिक किल्लत हो गयी थी. जलापूर्ति के लिए ट्रेन का सहारा लेना पड़ा था. रेल टैंकरों से लातूर शहर एवं अन्य इलाकों में लोगों को पीने के लिए पानी पहुंचाया गया था. इसके अलावा भी जिले में काई तरह की समस्याएं हैं. जो हर चुनाव में राजनीतिक मुद्दा बनाते रहे हैं लेकिन चुनाव खत्म के बाद वे गायब हो जाते हैं. लातूर लोकसभा क्षेत्र में लातूर ग्रामीण, लातूर शहर, अहमदपुर, उदगीर, निलंगा एवं नांदेड जिले के लोहा विधानसभा क्षेत्र का समावेश है. पिछले विधानसभा चुनाव में शिवसेना एवं भाजपा मिलकर मैदान में उतरी थी लेकिन लातूर में उसे कुछ खास सफलता नहीं मिली थी. लातूर शहर एवं ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटों अमित देशमुख एवं धीरज देशमुख ने अपना वर्चस्व कायम रखा वहीं अहमदपुर से राष्ट्रवादी कांग्रेस के संजय बनसोडे एवं उदगीर से बाबासाहेब पाटिल ने जीत हासिल की. नांदेड के लोहा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय श्यामसुंदर शिंदे निर्वाचित हुए थे. भाजपा के खाते में महज एक सीट गयी थी. निलंगा विधानसभा क्षेत्र से संभाजी पाटिल निलंगेकर निर्वाचित हुए थे.