मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। लोकसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान और आचार संहिता लागू होने के बाद राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार की बात करें तो आदिवासी सीटों पर प्रचार के लिए 55 दिनों का समय मिलेगा। विंध्य और महाकौशल में पहले दो चरणों में मतदान और आखिर में मालवा-निमाड़ क्षेत्र में होगा।
मंडला सीट पर दूसरे चरण में मतदान
मध्यप्रदेश में भाजपा के 29 प्रत्याशियों की मैदान में उतारा जा चुका है, वहीं कांग्रेस के 18 प्रत्याशियों के नाम जल्द सामने आएंगे। इस बार 16 लाख नवमतदाता पहली बार मतदान करेंगे। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रदेश के दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस चुनाव प्रचार की रणनीति में जुटे है। विंध्य और महाकोशल की सीटों पर पहले दो चरणों यानी 19 और 26 अप्रैल को चुनाव होगा। ऐसे में दोनों दलों का प्रचार अभियान पहले इन्हीं सीटों पर होगा। दूसरे चरण में छिंदवाड़ा सीट भी शामिल है। मंडला सीट पर दूसरे चरण में मतदान होगा।
22 सीटों पर भाजपा का फोकस
यह सीट अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित है। मंडला से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव लड़ रहे है। कांग्रेस इस सीट को अपने लिए आसान मान रही है। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित खरगोन, रतलाम, धार में चौथे चरण यानी 13 मई को मतदान होंगे। ऐसे में दलों को इन सीटों पर प्रचार के लिए 56 दिनों का समय मिलेगा। आरक्षित सीटों पर भाजपा भी कड़ी महेनत करेगी। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी। विधानसभा चुनाव में आरक्षित 47 सीटों में से 22 पर कांग्रेस का दबदबा था। इस स्थिति में 22 सीटों पर भाजपा फोकस करेगी।
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