अमित पांडेय, सीधी। बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर त्याग पत्र दे दिया है। चार दशक की राजनीति में विंध्य विकास प्राधिकरण अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त) से शुरू होकर राज्यसभा सांसद बने, दो बार महामंत्री, एक बार प्रदेश उपाध्यक्ष तथा दो बार विधानसभा का टिकट भी दिया, लेकिन चुनाव में सफलता नहीं मिल पाई।

अजय प्रताप सिंह ने कहा कि राजनीति सही मायने में हमारे लिए सेवा का माध्यम थी न कि धन अर्जन का। आज कुछ परिस्थिति ऐसी निर्मित हो गई है मैं आपने आप को बीजेपी के लिए अनुकूल नहीं मान रहा हूं। इसलिए मैंने बीजेपी से त्याग पत्र दे दिया है। उन्होंने पार्टी की कार्यप्रणाली और चयन प्रणाली पर आपत्ति व असहमति जताई है। कहा मेरा स्वभाव और मन विद्रोही है। मैं इस परिस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। टिकट वितरण को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी कहती हैं कि सर्वे के आधार पर चयन होगा लेकिन जो परिणाम आता है वे परिणाम परिलक्षित नहीं करते हैं। इसके अतिरिक्त 15 से 20 वर्षो से राज्य व 10 वर्ष से केंद्र में रहा। इस दौरान पार्टी के अंदर रहते सार्वजनिक रूप से नहीं बोल पाया, लेकिन अब उन बातों को लेकर खुल कर बोल सकता हूं। राजनीति व्यापार का माध्यम बन गई है। किसी जमाने में त्याग, तपस्या, बलिदान के लिए पार्टी प्रसिद्ध थी।

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