जगदलपुर. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत जगदलपुर जिला को छोड़ दिया जाए तो शेष 6 जिलों के कई तहसील सूखाग्रस्त घोषित किए गए हैं, जिसके कारण 15 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी इस साल नहीं हो पाई है और वर्तमान में की जा रही खरीदी को देखते हुए भी यही लग रहा है कि आगामी 31 जनवरी तक पिछले साल की तुलना में इस साल धान की खरीदी कम होगी.

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित जगदलपुर द्वारा धान उपार्जन किए जाने के संबंध में बैंक के अधिकारी एसबी सिंह ने बताया कि इस साल 7 जनवरी 2018 की स्थिति में जगदलपुर जिले 47052 बीजापूर 12856 दंतेवाड़ा 1725 कांकेर 14673 कोंडागांव 53969 नारायणपुर 5175 तथा सुकमा जिले में 8572 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई. इस तरह से इस साल अब तक 2 लाख 76 हजार मेट्रिक टन की खरीदी हुई है.

ज​​बकि पिछले साल 2 लाख 91 हजार 746 मेट्रिक टन धान की खरीदी कई गई थी. लेकिन इस साल 16 हजार मीट्रिक टन कम धान की खरीदी हुई है. विविन्न केन्द्रो से खरीदी कई धान में से 1 लाख 58 हजार 547 मेट्रिक टन धान को मिलों में भेज दिया गया है और लगभग एक लाख मेट्रिक टन धान से ज्यादा धान संग्रहरण केन्द्रो में पड़ा हुआ है. जिस जल्द ही मिलिगं के लिए भेजा जायेगा.

सूखे के कारण ऋण वसूली में भी पिछड़े

बस्तर संभाग में 1 लाख 33 हजार 351 किसान पंजीकृत है, जबकि पिछले साल 1 लाख 13 हजार 990 किसान पंजीकृत थे. उसकी तुलना में 23361 किसान ज्यादा पंजीकृत हुए हैं और उन्हें 30 करोड़ रुपए का ऋण प्रदान किया गया था. जिसने से अभी तक 10 करोड़ रुपए का ऋण की वसूली की गई है जो कि 25 प्रतिशत से कुछ अधिक है. सूखा होने के कारण यह असर पड़ा है. इसी प्रकार की स्थिति रही तो आगामी दिनों में बैंक को ऋण वसूली में और पसीना बहाना पड़ सकता है.