रायपुर। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर प्रदेश में 101 जगह एफआईआर दर्ज कराने के बाद अब कांग्रेसी रिपब्लिक भारत के संपादक अर्णव गोस्वामी के हमले के आरोप को बेनकाब करने में जुट गए हैं. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि अर्णव ऐसा आरोप एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए लगा रहे हैं, जबकि उनके वीडियो का मेटाडाटा कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बाद कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आरपी सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि अर्णव गोस्वामी अपने ऊपर जानलेवा हमले का जो वीडियो बीती रात 12.15 बजे शेयर किया, उसका मेटाडाटा बताता है कि वीडियो दरअसल, रात 8.17 बजे बनाई गई थी, जबकि खुद अर्णव के अनुसार उनकी कार पर स्याही रात 12.15 बजे फेंकी गई. अब अर्णव को बताना चाहिए कि हमला होने से चार घंटे पहले वीडियो कैसे बना ?


आरपी सिंह ने कहा है कि दरअसल एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने और मारे डर के पुलिस प्रोटेक्शन पाने के लिए अर्णव गोस्वामी ने यह ड्रामा किया है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है.


बता दें कि आरपी सिंह वीडियो के जिस मेटाडाटा की बात कह रहे हैं वह उसकी जानकारी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल कम्युनिकेशन और सोशल मीडिया के राष्ट्रीय समन्वयक गौरव बंधी द्वारा उपलब्ध कराई गई है. गौरव बंदी के ट्वीट की जानकारी उनके ट्विटर हैंडल पर जाकर जांच की जा सकती है.