दिलशाद अहमद, सूरजपुर। सूरजपुर के जिला अस्पताल में लापरवाही की तस्वीरें सामने आना कोई नई बात नहीं है. आये दिन इन्हीं लापरवाहियों के कारण चिकित्सालय परिसर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल ही जाते है. लेकिन तमाम अव्यवस्थाओं के बीच भी दोषियों पर कोई कार्रवाई ना होने से इनके हौसले दिन ब दिन बुलंद होते जा रहे हैं. ऐसा ही लापरवाही का ताजा मामला जिला अस्पताल से आया है. जहां सड़क हादसे में घायल बच्चा दर्द से कहराता रहा लेकिन ड्यूटी पर तैनात नर्स ने डॉक्टर के निर्देश के बाद भी इंजेक्शन नहीं लगाया और अपने मोबाइल में व्यस्त रही.

जानकारी के अनुसार, देर शाम एक स्थानीय मीडियाकर्मी का पुत्र सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था. जिसे परिजन उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे लेकिन इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात नर्स मयंका राजवाड़े ने डॉक्टर के निर्देश के बाद भी बच्चे को इंजेक्शन लगाना उचित नहीं समझी और परिजनों को कई घंटों तक नियम कानून के उलझनों में उलझाए राखी. इस दौरान चेहरे और पैरों पर चोट लगने से बच्चा लम्बे समय तक स्ट्रेचर में पड़ा ही कहराता रहा लेकिन स्टाफ नर्स को उस पर दया नहीं आई. परिजनों ने केजुअल्टी में ड्यूटी कर रही स्टाफ नर्स मयंका राजवाड़े से बार-बार घायल बच्चे को डॉक्टर द्वारा लिखे गए इंजेक्शन लगाने कहा, लेकिन इस पर बिना ध्यान दिए वह अपने फोन में व्यस्त रही. जिसके बाद परिजनों ने सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह को जानकारी दी. जिसपर सीएमएचओ ने स्टाफ नर्स से बात कराने की बात करते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया.

वहीं दूसरी ओर थक हार कर परिजन घायल बच्चे को लेकर एमसीएच हॉस्पिटल बिल्डिंग पहुंचे. जिसके बाद उसके दर्द का इंजेक्शन लग सका. जहां मामले की जानकारी अन्य मीडियाकर्मियों को लगी तो उन्होंने सीएमएचओ से बात कर स्टाफ नर्स के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही. अब देखने वाली बात होगी कि ऐसी लापरवाही के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग दोषियों के ऊपर क्या कार्रवाई करता है.

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