रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ में थीं। अपने प्रवास के दूसरे दिन आज राष्ट्रपति मुर्मु ने नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री साय की ओर से आयोजित दोपहर के भोज में शामिल हुईं l इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मु की मुख्यमंत्री ने सीएम साय और उनके परिवारजनों समेत अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ग्रुप फोटो ली गई। इस ग्रुप फोटो की खास बात यह थी कि इसके बैकड्रॉप में जशपुर का खूबसूरत मधेश्वर पहाड़ प्रदर्शित था।
बता दें कि मधेश्वर पहाड़ जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में स्थित है, जिसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है। यह दुर्लभ पहाड़ छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जशपुर जिला मुख्यालय से मात्र 35 किलोमीटर दूर मयाली ग्राम में विराजमान है, जिसकी आकृति शिवलिंग जैसी है। यहाँ के ग्रामीण लोग इस पहाड़ की पूजा करते हैं और इसे अपने सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।
एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं
गौरतलब है कि मधेश्वर पहाड़ देखने के लिए प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों से भी सैलानी यहां आते हैं और प्रकृति के बीच अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। मधेश्वर पहाड़ पर पर्वतारोहण की भी व्यवस्था है, जिससे जशपुर जिले में एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं।
बता दें कि हाल ही में 22 अक्टूबर को मयाली नेचर कैम्प में सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें मंत्रीगण और सरगुजा प्राधिकरण के सदस्य भी शामिल हुए थे। मयाली नेचर कैम्प को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रकृति के गोद में बसा जशपुर अपनी मनमोहक छटा के कारण लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
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