उमेश यादव, सागर। मध्य प्रदेश के सागर में कलेक्टर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने से हड़कंप मच गया। दरअसल, फसल बीमा की राशि न मिलने के बाद उपभोक्ता आयोग पहुंचे किसान के पक्ष के फैसला सुनाया गया था। लेकिन आदेश के बाद भी कलेक्टर ने किसान को भुगतान नही किया और पेशी में भी नहीं पहुंचे। जिसके बाद अब उपभोक्ता आयोग ने कलेक्टर संदीप जीआर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। 

जिला उपभोक्ता आयोग की डबल बेंच ने जारी किया वारंट

इस मामले में गुरुवार को जिला उपभोक्ता आयोग की डबल बेंच आरके कोष्ठा और अनुभा वर्मा ने 28 अगस्त को सागर कलेक्टर को यह वारंट जारी किया है। इसमें लिखा गया है कि विपक्षी को जारी वारंट से तलब किया जाए। इसकी जानकारी गुरुवार (04 सितंबर) को सामने आई है।

बार-बार जमानती वारंट किए जा रहे थे जारी

इससे पहले बार-बार जमानती वारंट जारी किए जा रहे थे। उनके अधिकारी उपस्थित होकर वसूली की राशि अगली पेशी पर जमा करने की बात कहकर तारीख ले लेते थे। लेकिन अगली तारीख पर वह उपस्थित नहीं हो रहे थे।

किसान को राशि देने कलेक्टर को दिया था आदेश

सागर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष और परिवादी के अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह मामला राहतगढ़ तहसील के पीपरा गांव का है। साल 2009 में किसान नरेंद्र सिंह, संग्राम सिंह और रविंद्र सिंह ने फसल बीमा से संबंधित परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग में पेश किया था। अपील के बाद मामले का निराकरण राज्य आयोग में हुआ। साल 2014 में जिला उपभोक्ता आयोग ने कलेक्टर को राशि देने का आदेश दिया था। राशि की वसूली के संबंध में मामला 2017 से विचाराधीन है।

अधिकारी कर रहे आनाकानी

अधिवक्ता सिंह ने बताया कि सागर कलेक्टर को पहले भी मामले को लेकर वारंट जारी हो चुके हैं। जिस पर उनके अधिकारी व कर्मचारी पेशी पर उपस्थित हुए। लेकिन बीमा की राशि जमा नहीं की गई। इसके बाद गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। वारंट जारी होने पर अधिकारी हरकत में आए और करीब 4 लाख रुपए की राशि न्यायालय के समक्ष जमा की गई। लेकिन शेष 70 हजार रुपए की राशि जमा नहीं हुई। यह राशि जमा करने के लिए अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। जिसको लेकर कलेक्टर संदीप जी आर को फिर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

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