राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है. कांग्रेस के ओबीसी आरक्षण के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है. विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर स्थगन पर चर्चा को अनुमति दे दी है. ओबीसी आरक्षण पर 10 सदस्यों ने स्थगन दिया है. सदन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शान्ति से चर्चा की जाए. जब मैं बोलूँ तो कोई बीच में ना बोले. मुख्यमंत्री ने स्थगन प्रस्ताव का समर्थन किया.

पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सदन में कहा कि 2019 का परिसीमन निरस्त करना था, तो पहले विधानसभा में चर्चा कराते. ओबीसी वर्ग को सबसे पहले 14% दिग्विजय सिंह ने आरक्षण दिया. कमलनाथ 27% आरक्षण लेकर आए. बीजेपी ओबीसी का आरक्षण छीन रही है. यदि रोटेशन से चुनाव हो रहे होते तो आज न्यायालय में नहीं जाना होता. ये बीजेपी की छुपी हुई राजनीति थी. दिग्विजय सिंह के शासन काल में हमने पंचायतीराज को पूरे अधिकारों से सम्पन्न बनाया था. पिछले 15 साल में सरकार ने अधिकारों को छीनने का काम किया है.

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कमलेश्वर पटेल के संबोधन के बीच सदन में गहमागहमी का माहौल हो गया. जिसके बाद बीच में टोक रहे बीजेपी और कांग्रेस विधायकों को अध्यक्ष ने शांत कराया. विश्वास सारंग बोले कांग्रेस के कारण आरक्षक पर रोक लगी है. विवेक तन्खा कांग्रेस के नेता हैं. तन्खा को राज्यसभा किस पार्टी ने भेजा है.

विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने लिखित जवाब पेश किया है. विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल का लिखित में जवाब दिया है. एमपी में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 14 हज़ार करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया. प्रदेश पर अब तक कुल 2,53,335 करोड़ रुपए का कर्ज है.

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