शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश के 32 जिलों से बाल विवाह का डाटा नहीं मिलने से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नाराज हो गया है। इस मामले में आयोग ने महिला एवं बाल विकास विभाग को पत्र लिखा है। जानकारी नहीं भेजने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की धारा 14 CPCR ACT कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। 

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दरअसल, बाल विवाह रोकने के मामले की जानकारी राज्य के प्रत्येक जिलों को राष्ट्रीय बाल आयोग को देनी होती है। लेकिन प्रदेश के 32 जिलों ने 2021-22 में बाल विवाह के कितने मामले सामने आए, इसमें क्या कार्रवाई की गई, इसकी जानकारी अब तक राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को नहीं दी है। जानकारी नहीं भेजने की स्थिति में आयोग धारा 14 CPCR Act 2005 के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी महिला बाल आयोग को पत्र लिखकर दी है।

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इन जिलों ने नहीं भेजी जानकारी 

भोपाल , इंदौर, बालाघाट, भिंड, डिंडोरी, हरदा, जबलपुर,कटनी, खंडवा,मुरैना, मंडला, नरसिंहपुर, रायसेन, राजगढ़,रतलाम,रीवा शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी टीकमगढ़ उज्जैन,उमरिया विदिशा निवाड़ी इत्यादि शामिल है। जिन्होंने ने कोई जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण  आयोग को नहीं भेजी है।  

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