शब्बीर अहमद, भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी मामले की सुनवाई भोपाल कोर्ट में करीब 30 मिनट तक चली। जहां डाउ केमिकल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील रविंद्र श्रीवास्तव भोपाल जिला कोर्ट में पेश हुए। वकील ने पार्शियल अपीयरेंस का हवाला दिया। सात बार समन भेजने के बाद पहली बार समन तामिल हुआ और 36 सालों बाद पहली बार विदेशी आरोपी के वकील गैस हादसे के मामले में सामने आए।

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दरअसल, 2 दिसंबर 1984 की रात आज भी जब याद आती है, तो दिल ठहर जाता है। ये अंधेरी रात शायद ही कभी कोई भूलेगा। इसी सिलसिले में 36 साल के बाद भोपाल गैस पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जगी है। मामले को लेकर भोपाल कोर्ट में करीब 30 मिनट सुनवाई चली। जहां डाउ केमिकल की ओर से वकील ने पार्शियल अपीयरेंस का हवाला दिया। साथ ही डाउ के वकीलों ने समय मांगा और कहा कि वो इस बात की खोजबीन कर रहे है कि क्या भारत की अदालत के पास अमरीकी कंपनी डाउ केमिकल को सुनने के लिए ज्यूरिडिक्शन है की नहीं।

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बता दें कि पहली बार डॉउ केमिकल की तरफ से कोई वकील कोर्ट में पेश हुए है। डाउ केमिकल के मामले में शामिल होने को लेकर कोर्ट ने 2 दिन के लिए फैसला रिजर्व रखा था। वहीं कोर्ट अब 6 अक्टूबर को डाउ केमिकल को लेकर फैसला सुनाएगी। साथ ही अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।

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गौरतलब है कि 8 सितंबर को पहली बार अमेरिकी संसद में भोपाल गैसकांड (यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री) का मामला उठा था। जहां गैस कांड की दोषी कंपनी डाउ केमिकल के खिलाफ उसी के देश अमेरिका की संसद में कार्रवाई के लिए आवाज उठी थी। रशीदा तलीब के नेतृत्व में वहां के 12 सांसदों ने यूएस न्याय विभाग को पत्र लिखकर डाउ केमिकल के खिलाफ आपराधिक समन जारी किया जाए की मांग की थी। जिसके बाद आज राजधानी भोपाल में मामले की सुनवाई हुई।

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