भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सामूहिक आत्महत्या होने के बाद मृतक भूपेंद्र विश्वकर्मा का सुसाइड नोट मिला था। जिसमें आत्महत्या की सच्चाई सामने आई। भूपेंद्र विश्वकर्मा ऑनलाइन फ्रॉड एप का शिकार हुए थे। वहीं मामले को लेकर प्रदेश में सियासत भी जमकर हो रही हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, लोन एप पर लगाम लगाने की कवायत शुरू होगी। गलत तरीके से दबाव डालने वाले ऐप को बैन करने लिए केंद्र से वे मांग करेंगे। तो चलिए बताते हैं कि इस तरह के फ्रॉड ऐप से कैसे बाहर निकला जा सकता हैं।
क्या है पूरा मामला?
राजधानी भोपाल से सामूहिक आत्महत्या मामले में मृतक भूपेंद्र विश्वकर्मा के पास टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर ऑनलाइन जॉब का लिंक आया था। लेकिन पैसा कमाने के कारण भूपेंद्र ने जॉब ज्वाइन की। शुरुआत में प्रॉफिट के साथ कंपनी ने एक्स्ट्रा पैसे भी दिए। बाद में काम का प्रेशर कंपनी की तरफ से दिया जाने लगा। भूपेंद्र की सिविल खराब होने से बैंक से लोन नहीं मिला। उन्होंने ऑनलाइन कंपनी से ही लोन लिया और कंपनी पर पानी की तरह पैसा लगाया।
वहीं ऑनलाइन ऐप कंपनी की तरफ से भूपेंद्र को लोन का पैसा लौटाने की धमकियां आने लगी थी। भूपेंद्र को बार-बार लोन के पैसे वापस करने के लिए कंपनी ने धमकाना शुरू कर दिया था। जुलाई में कंपनी ने भूपेंद्र का कॉल डिटेल और फोन हैक कर लिया था। फोन हैक करने के बाद कंपनी ने परिजनों और दोस्तों को भी अश्लील फोटो भेजी और धमकी देने लगे थे। परिजनों के अनुसार रिश्तेदारों को भी पैसे मांगने के लिए फोन किए गए। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
नरोत्तम मिश्रा लगाएंगे लोन एप पर लगाम
भोपाल में हुई एक परिवार के सामूहिक आत्महत्या को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि, लोन एप पर लगाम लगाने के लिए कवायत शुरू होगी। जिसके साथ ही एप चिन्हित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि, गलत तरीके से दबाव डालने वाले एप को बेन करने के लिए वे केंद्र से मांग करेंगे। उन्होंने बताया कि, सर्वर टेलीग्राम से भी जानकारी जुटा रहा हैं। मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी आए है इस तरह के मामले
फ्रॉड और लोन का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसे केस आए हैं। जिसके कारण कई परिवार बिखर गए हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी कर्ज और लोन की जाल में काफी लोग फंसे हैं। और आखिर में हार कर उन लोगों ने आत्महत्या को चुना। बढ़ते हुए साइबर क्राइम के मामलों के कारण गूगल और एप्पल ने अपने एप स्टोर से कई एप को रिमूव कर दिया था। पर इन कंपनियों की यह कोशिश भी पूरी नहीं हो पाई। इस तरह के मामलों के लिए आपको ही सतर्क रहना पड़ेगा।
इस तरह चलाया जाता हैं फ्रॉड का खेल
भोपाल में हुई सामूहिक आत्महत्या की कहानी भी वर्क फ्रॉम होम वाले जॉब के ऑफर से शुरू हुई। भूपेंद्र विश्वकर्मा ने अपने सुसाइड सुसाइड नोट में साफ बताया कि, उनके सबसे पहले वॉट्सऐप पर एक मैसेज आया था। इस मैसेज में ऑनलाइन काम करने का ऑफर दिया था। इस तरह के काम में अक्सर लोगों को मनी फॉर लाइक जैसी जॉब का ऑफर दिया जाता हैं।
जैसे आपको यू ट्यूब वीडियो को लाइक करने के लिए पैसे मिलेंगे, या फिर आपको इंस्टाग्राम पर रील्स शेयर करने पर इतने रुपए दिए जाएंगे। जब कोई यूजर इस तरह का ऑफर एक्सेप्ट करता है तो उसे शुरुआत में कुछ पैसे भी दिए जाते हैं। वही जब आप इस तरफ में फ्रॉड में फस जाते है। तब स्कैमर्स लोगों को एक बड़े ग्रुप में ऐड कर देते हैं।
ग्रुप में ऐड करने के बाद आपको ज्यादा पैसे कमाने का लालच देते हैं। इसके साथ ही जैसे ही कोई यूजर ज्यादा पैसे के कमाने के लालच फंस जाता है तो स्कैमर उसे एक तरह के प्रोजेक्ट में ऐड कर देते है। फिर उसे पैसे इन्वेस्ट करने के लिए बोला जाता है और जब कोई शख्स अपने इन्वेस्ट किए हुए पैसे को निकालना चाहता है, तो उसे और पैसे इन्वेस्ट करने के लिए बोला जाता है। भोपाल में हुए मामले में भी कुछ इस तरह का ही फ्रॉड हुआ था।
इस तरह बचा सकते है आप खुद को
जब भी आपके पास किसी भी तरह का जॉन का मैसेज आए या फिर कोई लिंक आए तो आप लिंक पर क्लिक न करें। अगर आपको जॉब की जरूरत हो या फिर आप जॉब करना चाहते है तो आप किसी ऐसी जगह पता करे जो एथोराइज्ड हो। इसके साथ ही जॉब के लिए ऐसे एप का चुनाव करें जो सही हो। लालच के चक्कर में इस तरह के गेम में न फसे।
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