अजय शर्मा,भोपाल। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंदिर में जब से ड्रेस कोड का विरोध किया है, तब से वो लगातार चर्चा में है. अब संत पुजारी संघ के अध्यक्ष नरेंद्र दीक्षित ने पंडित प्रदीप मिश्रा को नसीहत दी है. संघ के अध्यक्ष ने पंडित प्रदीप को अपने बयान पर मंथन करने के साथ उसे वापस लेने के लिए कहा है.

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संत पुजारी संघ के अध्यक्ष नरेंद्र दीक्षित ने पंडित प्रदीप को कहा कि वे सनातन के ठेकेदार बनने की कोशिश न करें. बस कथा करें और लोगों में अच्छी भावना जागृत करें. अध्यक्ष नरेंद्र ने कहा कि ‘मैं ऐसे मठाधीशों से प्रश्न करना चाहता हूँ ड्रेस कोड का सबको ध्यान होता है, भोजन का स्नान का सबका अलग ड्रेस कोड होता है. धार्मिकता उन्माद पर कथावाचकों को मेरा धन्यवाद हैं’ पर यहां किसी एक के कहने पर लोग मंदिर नहीं जा रहे हैं.

नरेंद्र दीक्षित ने प्रदीप मिश्रा को तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग थोड़ा सा हाइलाइट होने के बाद ये समझने लगते हैं कि वो भगवान बन गए हैं। पर लोगों के ऊपर अपनी बात न थोपें ऐसा सनातन अनादि काल से चल आ रहा है और आगे भी ऐसा ही चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि बड़े बड़े संत आए हैं और चले गए हैं। हम उन्हें हमेशा मान देंगे पर किसी एक की बात पर विचार नहीं होना चाहिए।

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बिफरे पंडित प्रदीप मिश्रा

बता दें कि मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर नहीं जाने की सलाह देने वालों पर कथाववचक पंडित प्रदीप मिश्रा बिफर गए. प्रदीप मिश्रा ने एक आयोजन में कहा कि भगवान को कभी कपड़ों से मतलब नहीं है. ये सनातन धर्म को तोड़ने का एक नया विरोध शुरू हो गया. ड्रेस कोड लागू करने वालो को बताया विधर्मी, ऐसा करने से ही हमारे बेटा-बेटी दूसरे धर्म की तरफ चले जाते हैं.

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शिव कभी कपड़ों से प्रसन्न नहीं होते

कथाववचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कपड़े बदलने से परमात्मा मिलता होता, तो शोरूम में जो पुतले होते हैं उनके रोज कपड़े बदले जाते हैं तो भगवान उनको मिल जाता. भोलेनाथ कपड़ा देखता है या कलेजा देखता है. शिव कभी कपड़ों से प्रसन्न नहीं होते. कुछ लोग हमारे ही सनातनियों के कान भर कर उनसे इस तरह की सलह दिलवाते है.

युवाओं को मंदिर जाने से रोकने की चाल

उन्होंने कहा कि सनातनियों को बहकाने के लिए इस तरह की चाल चली जा रही है. भोलेनाथ तुम्हारा कपड़ा देखता या फिर कलेजा देखता है. शिव पकड़े से कभी प्रसन्न नहीं होते. नव युवकों को मंदिर में प्रवेश करने से रोकना है, तो ड्रेस कोड लागू कर दो. ऐसे में कोई भी युवा मंदिर नहीं जाएगा. हम ऐसा कपड़ा पहने इसलिए मंदिर में नहीं जाएंगे.

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यहां हुई सबसे पहले शुरुआत

गौरतलब है कि एमपी में अशोक नगर में मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने की शुरुआत हुई थी. इसके बाद भोपाल, इंदौर में अभी ड्रेस कोड लागू करने के बैनर पोस्टर लगाए गए. राजधानी भोपाल में भी दिगंबर जैन मंदिर और आदर्श नव दुर्गा मंदिर में ड्रेस कोड लागू हुआ है. मंदिर समितियों ने बैनर पोस्टर लगाकर लिखा कि यहां छोटे कपड़े पहन कर ना आएं.

विदेशी पहनावे और मंदिरों में अंग प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है. शॉट्स, हाफ पैंट, नाइट ड्रेस, फ्रॉक, जींस, कटा हुआ पैंट, छोटे कपड़े पहन कर मंदिर में आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पोस्टर्स में लिखा था कि केवल भारतीय पारंपरिक परिधान और पूरे कपड़े पहन कर ही व्यक्तियों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा.महिला और पुरुष दोनों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है.

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