अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शिक्षा अधिकारी की लापरवाही का मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं कक्षा की पूरक परीक्षा का केंद्र अचानक बदल दिया गया और इसकी जानकारी परीक्षार्थियों को नहीं दी गई। जिस कारण परीक्षा देने आए परीक्षार्थी और अभिभावक परेशान हो गए। एमपी में पीएससी की परीक्षा 17 जुलाई से 22 जुलाई तक आयोजित होने के चलते 14 जुलाई को परीक्षा केंद्र परिवर्तन कर दिया गया। मामले में माशिमं ने भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी को दोषी पाया है। मंडल ने लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त को डीईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को लिखा है।

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माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव श्रीकांत बनोठ ने आयुक्त को एक पत्र लिखा कि, एमपी पीएससी की परीक्षा 17 जुलाई से 22 जुलाई तक आयोजित की गई थी जिसके चलते 14 जुलाई को परीक्षा केंद्र परिवर्तित कर दिया गया। इस संबंध में डीईओ भोपाल को पत्र लिखकर कहा कि, परीक्षार्थियों को परिवर्तित सेंटर की जानकारी देने, परीक्षार्थियों के लिए सेंटर पर बैठने की व्यवस्था करना का दायित्व डीईओ का था।

इसके साथ ही परिवर्तित परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों के सम्मिलित करने के निर्देश भी दिए गए। इसके बाद भी शासकीय सरोजनी नायडू स्कूल पर सोमवार सुबह 12वीं की पूरक परीक्षा देने पहुंचे छात्रों और उनके अभिभावकों को असुविधा का सामना करना पड़ा है।

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बनोठ ने आगे लिखा कि, इससे साफ है कि जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल ने परिवर्तित परीक्षा केंद्रों की जानकारी से वक्त रहते संबंधित संस्थाओं के माध्यम से परीक्षार्थियों को नहीं अवगत कराया। यदि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा समय रहते छात्रों को सही तरह से जानकारी दी जाती तो आज ये स्थिति निर्मित नहीं होती। मंडल ने डीईओ भोपाल द्वारा इस तरह की लापरवाही बरतने का दोषी माना है। जिसके चलते आयुक्त डीपीआई को अनुशासनात्मक कार्रवाई कर तीन दिवस में मंडल को अवगत कराने को बोला गया है।

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