शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव में अभी एक साल का समय है, लेकिन मध्यप्रदेश कांग्रेस ने इसकी तैयारियां अभी से ही शुरू कर दी है। कांग्रेस ने आगामी चुनाव को लेकर एक बड़ी रणनीति बनाई है। इसके तहत लंबे समय से हार रही सीटों पर फोकस करेगी। वहीं कांग्रेस के प्लान पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि केवल खबरों में बने रहने के लिए रणनीति बनाते है। कांग्रेस का एक गुट प्लान बनाता है तो वहीं दूसरा गुट इसे धराशाई कर देता है।

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मध्यप्रदेश कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी योजना बनाई है। इसके तहत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ लंबे समय से हार रहे विधानसभाओं का दौरा करेंगे। इसकी शुरुआत अगले हफ्ते छतरपुर की बड़ामलहरा में जनसभा से की जाएगी। इस रणनीति के तहत संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर हार रही सीटों पर मंथन किया जाएगा। साथ ही जिन सीटों पर लंबे समय से हार मिल रही है, वहां पहले से ही उम्मीदवार उतारने की तैयारी है। स्थानीय स्तर पर पहुंचकर उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की जाएगी।

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वहीं कांग्रेस के इस प्लान पर भारतीय जनता पार्टी ने तंज कसा है। बीजेपी ने कहा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस राम भरोसे है। पार्टी का नेतृत्व विहीन है। कांग्रेस सिर्फ हवा में बाते करती है, जमीन पर कुछ नहीं करती। नकल में भी अकल की जरूरत होती है, कांग्रेस बीजेपी को देखर प्लान बनाती है। इसके साथ ही भाजपा ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस, सगंठन नहीं बल्कि गुटों में बंटी हुई पार्टी है। एक गुट प्लान बनाता है तो वहीं दूसरा गुट उसे धराशाई कर देता है। कांग्रेस अपने ही नेताओं का अपमान करती है। सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए रणनीति बनाती है।

ये हैं बीजेपी का अभेद किला

मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर 1980 से कब्जा है। जबकि इंदौर 4 विधानसभा, खंडवा और देवास विधानसभा सीट पर 1990 से जीतते हुए आ रही है। इंदौर 2, जबलपुर कैंट, सागर विधानसभा सीट 1993 से बीजेपी के पास है। इसके साथ ही इंदौर 5 विधानसभा, उज्जैन साउथ, उज्जैन नॉर्थ, बुधनी, नीमच, जावद, कुर्रवाई और गुना विधानसभा सीट पर 2003 से कब्जा जमाए हुए है।

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