कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश की जिला अदालत की सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश ने साल 2012 में आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा में गड़बड़ी के मामले में दोषी पाते हुए मथुरा निवासी मुनीम खान और औरंगाबाद निवासी सतेंद्र जाट को 4-4 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही आरोपियों पर 26 हजार 200 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

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ये मामला 30 सितंबर 2012 को हुई आरक्षक भर्ती परीक्षा का है। व्यापम द्वारा 2012 में करवाई गई आरक्षक भर्ती परीक्षा में छल से अभ्यर्थी के स्थान पर दूसरे व्यक्ति ने परीक्षा दी थी। वहीं इसमें तीन आरोपियों के खिलाफ मामला सीबीआई न्यायालय में लंबित था।

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दरअसल, साल 2012 में पुलिस आरक्ष्रक की भर्ती परीक्षा में आरोपी लाल मोहम्मद ने अपने भाई और इस मामले में दोषी मुनीम खान को परीक्षा में पास करवाने के लिए फर्जी तरीके से सतेंद्र जाट को उनकी जगह पर परीक्षा देने के लिए बैठा दिया था। परीक्षा का आयोजन मुरार के एक स्कूल में हुआ था।

वहीं जब दस्तावेजों की जांच की गई तो परीक्षा में बैठे अभ्यर्थी की बीवी उत्तर पुस्तिका और मुनीम खान की हैंड राइटिंग और अंगूठे के निशान आपस में नहीं मिले। वहीं अब इस मामले में कोर्ट ने मुन्ना भाई और सॉल्वर, मथुरा निवासी मुनीम खान और सत्येंद्र जाट को चार-चार साल की सजा सुना कर 26 हजार 200 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

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