मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के एक गांव के दबंगों ने भैंस चोरी के मामले में राजीनामा नहीं करने पर दलित के पैर तोड़ दिए. शिकायत के बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट तक नहीं लिखी। न्याय के लिए एसपी ऑफिस पहुंचा, तो वहां भी अधिकारी नहीं मिले। जिससे परेशान होकर दलित परिवार ने आत्महत्या की बात कही है।

सरायछोला थाना क्षेत्र के पीपलखेड़ा गांव निवासी दलित परिवार सोमवार देर शाम ट्राईसाईकिल में बैठकर एसपी कार्यालय पहुंचा और अपने परिवार की सुरक्षा की फरियाद करने लगा। साथ ही उसने पुलिस के रवैया से परेशान होकर परिवार सहित आत्महत्या की बात कही है।

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एसपी को दिए आवेदन में रामसिया कोरी ने कहा है कि गांव के दबंग मेरी तीन बार भैंस चोरी कर चुके हैं। इस मामले में रिपोर्ट की गई। लेकिन राजीनामा न करने पर 9 दिसंबर 2020 को बंधा चौराहा हाइवे पर एक्सीडेंट करके जान से मारने की कोशिश की गई। सरायछोला थाने ने एक्सीडेंट की रिपोर्ट लिखी, उसमें मेरा नाम गलत लिख दिया। इस मामले में राजीनामा नहीं करने पर 30 सितंबर को मेरे बेटे पुलेंद्र माहौर को रात 8 बजे दबंगों ने लात घूसों और डंडा से जमकर पीटा और जातीय अपमान किया गया। 1 अक्टूबर की सुबह उनके घर गए गालियां देकर भगा दिया। डायल 100 पर फोन किया, तो पुलिस मेरी पत्नी को रिपोर्ट लिखवाने थाने ले गई। वहां दिनभर बैठाएं रखा और शाम को भगा दिया। फिर दूसरे दिन मैं खुद थाने गया, वह मुझे बोला गया आप जाइये हम एक घंटे में गांव आकर वहीं रिपोर्ट लिखेंगे।

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रामसिया ने बताया कि जब घर वापस पहुंचा तो दबंग बंदूक और कट्टा लेकर आए और रिपोर्ट करने पर धमकी देने लगे। दबंगों ने कहा कि अभी तो पैर टूटे है, जान से मार देंगे और गांव से निकाल देंगे। उसके बाद से थाने में संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं लिखी। जिसके बाद न्याय की गुहार लगाने एसपी ऑफिस आए हैं, लेकिन यहां भी पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नहीं मिले। पुलिस के इस व्यवहार और कार्यप्रणाली से दुखी होकर उसने परिवार के साथ आत्महत्या करने की बात कही है। अब देखना होगा कि शिवराज सिंह की सरकार में पीड़ित दलित परिवार को सुरक्षा मिलेगी या गांव छोड़कर जाना पड़ेगा। या फिर आत्महत्या कर इस पूरे सिस्टम से निजात पाने का एकमात्र रास्ता अपनाएगा। फिलहाल जिले में वर्तमान हालातों में कानून व्यवस्था मजाक बनी है और पुलिस राजनीतिक प्रभाव और बाहुबलियों की कठपुतली बनकर काम कर रही है।

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