भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत को लेकर सभी की सांसे अटकी हुई है. किसी को भी यह नहीं पता है कि किस वक्त क्या हो जाएगा. आज ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया का 75वीं जयंती है. ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे हैं कि ज्योतिरादित्य अपनी दादी विजयराजे सिंधिया का वो सपना पूरा कर सकते हैं, जो उन्होंने 50 साल पहले देखा था. राजमाता विजयराजे सिंधिया चाहती थीं कि उनका पूरा परिवार बीजेपी में शामिल हो जाए. इसी सपने को पोता साकार कर सकते हैं.

6 मंत्रियों समेत सिंधिया गुट के 17 विधायक दिल्ली और बेंगलुरु में डेरा जमाए हुए है. कांग्रेस के 20 मंत्रियों से इस्तीफा दे दिया है.  आज 10 मार्च को माधवराव सिंधिया की 75वीं जयंती है. इस मौके पर ज्योतिरादित्य बड़ा ऐलान कर सकते हैं. 1993 में जब मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी, तब माधवराव सिंधिया ने पार्टी में उपेक्षित होकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और अपनी अलग पार्टी मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस बनाई थी. हालांकि बाद में वे कांग्रेस में वापस लौट गए थे.

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वहीं ग्वालियर पर राज करने वाली राजमाता विजयराजे सिंधिया ने 1957 में कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत की. वह गुना लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं. सिर्फ 10 साल में ही उनका मोहभंग हो गया और 1967 में वह जनसंघ में चली गईं. 1971 में इंदिरा गांधी की लहर के बावजूद जनसंघ यहां की तीन सीटें जीतने में कामयाब रहा. खुद विजयराजे सिंधिया भिंड से, अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर से और विजय राजे सिंधिया के बेटे और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया गुना से सांसद बने.

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इस तरह राजमाता विजयराजे सिंधिया का सपना ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल होकर पूरा कर सकते हैं. क्योंकि राजमाता दादी यही चाहती थीं कि उनका पूरा परिवार बीजेपी में शामिल हो जाए.

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से चार बार सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. कुछ देर पहले सिंधिया, गृहमंत्री अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे हुए. कयास लगाए जा रहे हैं कि सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. बीजेपी में शामिल होते ही मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर सकती है.