अजय नीमा, उज्जैन। शारदीय नवरात्रि में महाष्टमी पर उज्जैन में आज नगर पूजन किया गया। यहां के चौबीस खंबा माता मंदिर में आज सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है। परंपरा के अनुसार माता मंदिर में होने वाली महाआरती में कलेक्टर भी शामिल हुए। वहीं माता की पूजा राजा विक्रमादित्य करते थे इसी परंपरा का निर्वाह जिलाधीश द्वारा किया जा रहा हें।

चौबीस खंबा माता मंदिर में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने माता को मदिरा का भोग लगाया तथा महाआरती की। नगरपूजा का प्रमुख कारण शहर में किसी भी प्रकार की कोई प्राकृतिक आपदा ना हो साथ ही सुख समृद्धि व खुशाली बनी रहे। बतादें कि, उज्जैन में राजा विक्रमादित्य के समय से नगर पूजा की परंपरा चली आ रही है। इस परंपरा का निर्वाह उज्जैन के प्रशासनिक प्रमुख अर्थात जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है। नवरात्रि पर महाष्टमी के दिन वर्ष में एक बार जिला प्रशासन द्वारा नगर पूजा की जाती है।

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इस पूजा में लगभग 27 किलो मीटर तक मदिरा की धार लगाई जाती है, जो की शहर के कई देवी मंदिरों में जाती है। इस महापूजा में जिला प्रशासन के साथ-साथ कई श्रद्धालु पैदल चलते हैं। वहीं यह यात्रा सुबह प्रारंभ होकर शाम तक समाप्त होती है। यात्रा उज्जैन के प्रसिद्ध चौबीस खंबा माता मंदिर से प्रारंभ होकर नगर भ्रमण के बाद हांडी फूड भैरव बाबा के मंदिर पर जाकर पूर्ण होती है। इस यात्रा की खास बात यह होती है कि एक घड़े में मदिरा को भरा जाता है जिसमें नीचे छेद होता है जिससे पूरी यात्रा के दौरान सड़क मार्ग व देवी मंदिरों में मदिरा की धार बहाई जाती है। हर बार महापूजा में जिला कलेक्टर के साथ प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी व बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं।

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इसी परंपरा को निभाने के लिए महाअष्टमी के दिन आज सुबह जिला प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी चौबीस खंबा माता मंदिर पर पहुंचे। जहां देवी महालया और महामाया की पूजा कर देवी को मदिरा चढाई गई। यह महाष्टमी की महापूजा सुबह ढोल नगाडों के साथ शुरू हुई। बाद में प्रशासनिक अमला तहसीलदार के नेतृत्व में नगरपूजा पर निकल पडा। महापूजा की यात्रा में कोटवार के हाथ में एक कलश रहता है जिसमें छेद किया हुआ होता है ताकि मदिरा की धार लगातार बहती रहे। देवी शक्तियों को चढ़ाई जानें वाली इस मदिरा को प्रसाद के रूप में बडी संख्या में श्रद्धालु ग्रहण भी करते है।

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