संजय विश्वकर्मा,उमरिया। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में टाइगर ही सेफ नहीं हैं. एक के बाद एक बाघों की जान जा रही है. बाघों का शिकार भी किया जा रहा है. उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) का वन परिक्षेत्र घुनघुटी (Ghunghuti forest area) इन दिनों बाघों की कब्रगाह बन रहा है. आज बलवाई बीट में मुड़ना नाला के पास एक बाघ का शव (Tiger body) मिला है. जिससे वन महकमे में हड़कंप मच गया है.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि बाघ की मौत करंट के लगने से हुई है. यह भी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि डॉग स्क्वाड ने ग्राम ओदरी और बलवई से दो संदिग्धों को हिरासत में भी ले लिया है. इसके साथ ही घटना स्थल से बिजली के तार भी मिले है. वन विभाग और पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे घुनघुटी वन परिक्षेत्र में यह कोई पहली घटना नहीं है. इसके पहले भी बाघों की मौत यहां होती चली आ रही है. एक और जहां बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपनी अधिक बाघों की संख्या के लिए पूरे विश्व भर में सुर्खियां बटोर रहा है. वही घुनघुटी वन परिक्षेत्र भी बाघों की मौत के आंकड़े में लगातार सुर्खियों में बना हुआ है.

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बता दें कि दिसंबर 2022 में ही NTCA की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि प्रदेश में एक साल में 32 टाइगर की मौत हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में पूरे देश में 99 टाइगर की मौत हुई है. पहली मौत मादा टाइगर की 8 जनवरी 2022 को बांधवगढ़ में दर्ज हुई थी. सबसे अधिक जान भी बांधवगढ़ में हुई है. NTCA के अनुसार पिछले 10 साल में जुलाई 2022 तक 270 टाइगर की मौत मध्यप्रदेश में हुई. 10 साल में 66 सबसे अधिक टाइगर की मौत बांधवगढ़ में दर्ज की गई है. प्रदेश में लगातार हो रही बाघों की मौत से एमपी का टाइगर स्टेट का दर्जा खतरे में पड़ गया है.

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