प्रतीक चौहान, प्रयागराज. किन्नर अखाड़े में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत करते हुए कहा किन्नर अखाड़ा के संस्थापक ऋषि अजय दास को शयम्भू बताया है. साथ ही उन्होंने अखाड़े से निष्कासित करने को लेकर ऋषि अजय दास को नोटिस भेजने की बात भी कही है. इतना ही नहीं ममता कुलकर्णी को फिर कुंभ आने का न्योता देने की बात कही है.

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लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने महाकुंभ से किन्नर अखाड़े के विदाई को लेकर कहा कि महाशिवरात्रि गंगा मैया की गोद में मनाकर प्रयागराज से प्रस्थान करेंगे. रात में जागरण और भजन-कीर्तन किया जाता है. उसके बाद सुबह स्नान ध्यान कर पूजा-पाठ करते हैं और फिर जाने की तैयारी करते हैं.

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वहीं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के महाकुंभ में आने को लेकर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा, अच्छी बात है कुंभ सबके लिए है, कोई बड़ी बात नहीं है. सभी आएं, ममता बनर्जी भी आएं. स्टालिन भी आएं. यहां कोई पॉलिटिक्स थोड़ी न है. ये सनातन धर्म का कुंभ है और कुंभ में थोड़ी न कोई पॉलिटिक्स कर रहा है. योगी जी और मोदी जी पावर में हैं, बस फर्क इतना ही है. हम नॉन पॉलिटिकल लोग हैं, हमें पॉलिटिक्स से कोई लेना देना नहीं है. हम तो धर्म की गद्दी पर बैठे हैं. जो भी यहां आएगा, सबका स्वागत है. सनातन ने किसका तिरस्कार किया है. हमने किसी का तिरस्कार नहीं किया है. हमने सबका स्वागत किया है. कोई सनातन के शरण में आता है तो सनातन हमेशा उसे अपनाता है.

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बता दें कि बीते 24 जनवरी को फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में सन्यास लिया था. उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से आशीर्वाद लिया था. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ही उनका पट्टाभिषेक किया था. हालांकि ममता के महामंडलेश्वर बनने के बाद से इसे लेकर लगातार बवाल मचा हुआ था. विवादित पट्टीभिषेक को लेकर दो संतों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिली थी. लगातार इसका विरोध हो रहा था. वैष्णव किन्नर अखाड़े (Vaishnav Kinnar Akhara) ने बगावत तक का ऐलान कर दिया था. उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को फर्जी और अवैध करार दिया था. इतना ही नहीं किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने भी इस पर सवाल उठाया था. जिसके बाद ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया था. साथ ही आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी पद से हटा दिया गया था.

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