वरुणी पर्व, जिसे महा वरुणी योग भी कहा जाता है, 6 अप्रैल शनिवार को 3.38 बजे शाम तक रहने वाला है. स्नान अनुष्ठान करने के लिए एक अत्यंत शुभ अवधि है. वरुणी योग एक शुभ समय है और हिंदू समुद्र देवता वरुण से जुड़ा है. विभिन्न पवित्र नदियों में पवित्र स्नान करने का यह एक शुभ समय है.

वरुणी योग कब बनता है?

पुराणों में भी महा वरुणी योग का वर्णन मिलता है. यह महायोग तीन प्रकार का होता है, चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को यदि वरुण नक्षत्र यानि शतभिषा हो तो महा वरुणी योग बनता है. यदि चैत्र कृष्ण त्रयोदशी में शतभिषा नक्षत्र और शनिवार हो तो महावरुणी योग बनता है और यदि चैत्र कृष्ण त्रयोदशी में शतभिषा नक्षत्र, शनिवार और शुभ योग हो तो महा-महावरुणी योग बनता है. Read More – Abhishek Bachchan और Aishwarya Rai का डांस वीडियो आया सामने, ‘गल्लां गूड़ियां’ गाने में एक साथ झूमते आए नजर …

वरुणी योग के क्या लाभ हैं?

  • वरुणी योग में शिक्षा से संबंधित कार्य प्रारंभ होते हैं. पढ़ाई शुरू करना, कोई भी ट्रेनिंग कोर्स शुरू करना सफल होना तय है.
  • नया व्यवसाय या व्यवसाय शुरू करने के लिए वरुणी योग बहुत शुभ माना जाता है.
  • वरुणी योग में आप कोई नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर सकते हैं. Read More – Navjot Singh Sidhu ने सोशल मीडिया में शेयर किया पोस्ट, कैंसर से जूझ रही पत्नी की सेहत को लेकर दी जानकारी …
  • वरुणी योग में नया घर, दुकान, प्लॉट खरीदना शुभ होता है. इससे उनमें उत्तरोत्तर वृद्धि होती है.
  • वरुणी योग में एक नया स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान खोलना शुभ है.
  • वरुणी योग में अगर शादी की बात करें तो रिश्ते के पक्की होने में कोई शक नहीं है. इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं और बेलपत्र की माला चढ़ाएं.
  • शिवलिंग पर एक-दो केले चढ़ाएं और वहां बैठकर शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें. इससे शीघ्र विवाह का रास्ता खुल जाता है.
  • यदि आप किसी विशेष मंत्र की पूर्ति करना चाहते हैं तो इस दिन अवश्य करें, मंत्र शीघ्र सिद्ध होता है.