विक्रम मिश्र लखनऊ। Mahakumbh 2025 उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ की धूम है लेकिन महाकुम्भ पर अराजक तत्वों की भी नजर है। इसको लेकर पुलिस सतर्क है। पुलिस मुखिया डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी पुलिसकर्मियों को सतर्कता के साथ ड्यूटी करने के निर्देश दिए है। इस समय महाकुम्भ में एक हजार हिंदुओ की हत्या करने का एक मैसेज लगातार ट्रेंड कर रहा है। इसके पहले खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह ने पीलीभीत में मारे गए आतंकियों का बदला लेने का दावा किया था। इसको लेकर पुलिस सतर्क और मुस्तैद है। ऐसे में संदिग्धों की पहचान के लिए एआई एक बेहतर माध्यम हो सकता है।

पाकिस्तानी-खालिस्तानियों का स्लीपिंग मॉड्यूल क्या है

खालिस्तानी सरगना गुरपतवंत सिंह इस समय पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के साथ मिलकर यूपी में होने वाले आस्था के महापर्व में अशांति फैलाने के फिराक में है। ऐसे में इस बात की जानकारी भी पुलिस और प्रशासन के लोगों को हो गई है। इसलिए महाकुम्भ के साथ प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी चौकसी बढ़ा दी गई है। जबकि एलआईयू के द्वारा हर स्थल और सम्बंधित व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है।

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साधुओं के वेश में भी तैनात होंगे पुलिसकर्मी

सूबे के पुलिस मुखिया डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि ऐसे इनपुट्स मिल रहे है कि महाकुम्भ में साधु और नागा साधुओं की वेश में अपराधी और आतंकी मेले में प्रवेश कर सकते है। इसलिए पुलिस ने भी अपना प्लान बदल दिया है और अब नागा साधुओं और अन्य संतों के साथ उनकी ही वेशभूषा में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। जबकि अन्य स्थलों पर भी साधु का रूप धारण कर पुलिस के जवान गस्त करते रहेंगे।

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इधर, डीजीपी प्रशांत कुमार ने अपने निर्देश में कहा कि महाकुम्भ में यथासम्भव रिजर्व पुलिस बल का ही इस्तेमाल किया जाए। जबकि महाकुम्भ में तैनात पुलिस कर्मियों जल्दी से उनके स्थलों पर ड्यूटी चार्ट के हिसाब से भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा जितने भी पुलिसकर्मी अपनी तैनाती दे रहे है उनके लिए रहने रुकने और भोजन का उत्तम प्रबंध किया जाए। इसके अलावा उन्होंने एक विशेष निर्देश जारी किया है जिसमे उंन्होने कहा है कि अन्य जिलों से पुलिस बल महाकुम्भ में न लगाया जाए। आपात स्थिति में ही बाहरी जनपदों से पुलिसकर्मियों की आमद की जाए। इसके अलावा रिजर्व पुलिस बल से ही महाकुम्भ की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए है।