Mahakumbh 2025: प्रयागराज के लिए हवाई किराए में अचानक हुई भारी वृद्धि ने ओडिशा के उन भक्तों को झटका दिया है जो महाकुंभ मेले में शामिल होने की योजना बना रहे थे. सोमवार को हवाई टिकट की कीमतें अभूतपूर्व रूप से 41,341 रुपये तक पहुंच गईं, जिससे कई भक्त इस 144 साल बाद होने वाले ऐतिहासिक अवसर से वंचित हो गए.

 जहां सामान्य किराया 6,000 से 7,000 रुपये के बीच होता है, वहीं 27 जनवरी के लिए हवाई टिकट का किराया 41,341 रुपये तक पहुंच गया. 28 जनवरी के लिए टिकट 25,376 रुपये, 29 जनवरी के लिए 21,176 रुपये, 30 जनवरी के लिए 34,280 रुपये और 31 जनवरी के लिए 25,205 रुपये है.

 दूसरी ओर, ट्रेन यात्रियों को भी लंबी वेटिंग लिस्ट का सामना करना पड़ रहा है. महंगे हवाई किराए से भक्तों की जेब पर बोझ बढ़ा है, जबकि ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट ने सभी को चिंतित कर दिया है.

दूसरे शाही स्नान (मौनी अमावस्या) के दौरान हवाई किराए में और बढ़ोतरी की उम्मीद है. यह स्नान ऋषभदेव द्वारा अपनी लंबी मौन साधना तोड़ने और संगम में स्नान करने की घटना का प्रतीक है, जो कुंभ मेले में सबसे बड़ा तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लाता है.

हर राज्य से फ्लाइट की टिकटें महंगी

भुवनेश्वर-प्रयागराज ही नहीं, बल्कि चेन्नई-प्रयागराज की रिटर्न टिकट 28 जनवरी को जाने और दो दिन बाद लौटने के लिए 53,000 रुपये से अधिक है. पास के कोलकाता से रिटर्न टिकट 35,500 रुपये से ऊपर, हैदराबाद/मुंबई/दिल्ली से 47,500 रुपये और बेंगलुरु से 51,000 रुपये से अधिक है.

 यह बढ़ोतरी अन्य महत्वपूर्ण स्नान तिथियों जैसे – 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा), और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि और महा कुंभ का अंतिम दिन) के दौरान भी देखी जा रही है.

हरकत में आई केंद्र सरकार

स्थिति को देखते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव वूमलुनमंग वूलनाम ने एयरलाइंस के साथ आपात बैठक बुलाई है. सरकार एयरलाइंस से यह जानकारी मांग सकती है कि कितने टिकट किस कीमत पर बेचे गए हैं. प्रयागराज के लिए अधिकांश फ्लाइट पहले ही बुक हो चुकी हैं, और जो कुछ सीटें बची हैं, वे सबसे ऊंचे दामों पर बिक रही हैं. बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए डीजीसीए ने जनवरी में 81 अतिरिक्त उड़ानों को मंजूरी दी थी, जिससे प्रयागराज के लिए भारत भर से कुल 132 उड़ानों की सुविधा हुई. लेकिन मांग इतनी अधिक है कि आपूर्ति पूरी तरह से कम पड़ गई है.