प्रयगाराज. तीर्थराज प्रयागराज की पावन धरा पर सनातन आस्था के महापर्व महाकुम्भ का आयोजन हो रहा है. आस्था और आधुनिकता के संगम महाकुम्भ में सनातन परंपरा के सभी साधु, संत, अखाड़े, पंथ, संप्रदाय तीर्थराज प्रयागराज में आए हैं. इनके साथ ही सनातन परंपरा की प्राचीन विद्या और ज्ञान के जानकार विद्वानों का भी प्रयागराज में आगमन हुआ है. उनमें से त्रंयबेकेश्वर ज्योतिर्लिंग के उपासक स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती महाराज महाकुम्भ में ज्योतिष ज्ञान के माध्यम से श्रद्धालुओं की समस्याएं दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. वो लोगों की कुण्डली और हस्तरेखा संबंधी समस्याओं का निराकरण व्हाट्सएप के माध्यम से कर रहे हैं.
पारंपरिक ज्ञान का आधुनिक तकनीक से कर रहे उपयोग
महाकुम्भ में आस्था और आधुनिकता के संगम को त्रयंबेकेश्वर ज्योतिर्लिंग के उपासक स्वामी ज्ञानांनद सरस्वती महाराज जीवंत रूप दे रहे हैं. त्रयंबेकेश्वर महाराष्ट्र से महाकुम्भ में आए स्वामी ज्ञानांनद सरस्वती ज्योतिष विद्या के विद्वान हैं. वो सनातन परंपरा की प्राचीन कुंडली विद्या और हस्तरेखा ज्योतिष विद्या के माध्यम से महाकुम्भ में आए श्रद्धालुओं की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं. वो प्रचीन परंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के उपयोग से लोगों के लिए सर्वसुलभ बनाने का प्रयास कर रहे हैं. वो व्हाट्सएप के माध्यम से लोंगों की कुंडली और हस्तरेखा की ज्योतिषीय समस्याओं को बिना कोई शुल्क लिए दूर कर रहे हैं.
ऐसे दे रहे पूछे गए प्रश्नों का उत्तर
स्वामी ज्ञानांनद सरस्वती महाराज के शिष्य लोगों से उनका नाम, जन्मतिथि, जन्म का स्थान और समय,आयु, लिंग, मोबाइल नंबर जैसी सामान्य जानकारियां लेते हैं. उनकी कुण्डली बना कर पूछे गए प्रश्नों का ज्योतिष समाधान और उपाय व्हाट्सएप के माध्यम से सुलभ करवा रहे हैं. महाकुम्भ क्षेत्र के सेक्टर-18 के शंकराचार्य मार्ग पर बने शिविर में आ कर लोग अपनी सस्याओं का समाधान प्राप्त कर रहे हैं. उनके शिष्य ने बताया कि महाकुम्भ में अब तक सैकड़ों लोग अपनी समस्याओं का ज्योतिष समाधान स्वामी जी से प्राप्त कर चुके हैं.
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