रायपुर. पूर्व केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत अपनी हसदेव पदयात्रा को अंतिम रुप देने में व्यस्त हैं. संभावना है कि ये यात्रा महाशिवरात्रि से शुरु हो. यात्रा उनके संसदीय क्षेत्र कोरबा के साथ रायगढ़ और बिलासपुर तक जाएगी. कोरबा में अपनी ताकत दिखाने के बाद महंत की यात्रा पर सबकी नज़रें टिकी होंगी. इस दौरान महंत जनता से संवाद करेंगे और अपने समर्थकों को रिचार्ज करेंगे.

महंत अपनी यात्रा की तारीखों का ऐलान नहीं किया है. लेकिन माना जा रहा है कि भूपेश बघेल की यात्रा लगातार कई चरणों में होने वाली है. लिहाज़ा उनकी यात्रा इस यात्रा से की तारीखें मेल खाएं इसका ख्याल उन्हें रखना है. चरण दास महंत की यात्रा सोनहत के पास से निकलेगी जहां से ये नदी निकलती है.वहां पूजा अर्चना करने के बाद महंत ये यात्रा शुरु करेंगे. यात्रा के दौरान वे सीपत और रायगढ़ भी जाएंगे. वे यात्रा के दौरान 400 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेंगे. वे जगह-जगह जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

यात्रा पूरी तरह से पदयात्रा ना होकर पदयात्रा और सामान्य यात्रा होगी. जिस जगह पर आबादी होगी वहां महंत पदयात्रा करेंगे और एक जगह से दूसरी जगह वे गाड़ी से जाएंगे. महंत इस दौरान अपने पूरे संसदीय क्षेत्र कोरबा के अलावा जांजगीर-चांपा, बिलासपुर और रायगढ़ संसदीय क्षेत्र कवर करेंगे. सबसे खास बात है कि यात्रा के दौरान महंत आदिवासियों के साथ कथित अत्याचार, हाथियों का इंसानों के साथ कान्फलिक्ट, कोयला, हसदेव नदी का प्रदूषण और वनवासी पट्टा जैसे मुद्दे उठाएंगे जो उत्तर छत्तीसगढ़ से खासतौर से जुड़े हैं.

कोरबा में महंत ने भारी भीड़ जुटाकर ये संदेश दे दिया कि आज भी वे ज़मीनी पकड़ वाले नेता हैं. उनकी भीड़ ने सिर्फ बीजेपी की नहीं बल्कि कांग्रेस के अंदर उनके विरोधियों की नींद उड़ा दी है जो उन्हें हल्के में लेने लगे थे. इस लिहाज़ से उनकी यात्रा पर सबकी नज़र रहेगी.

बताया जा रहा है कि महंत को यात्रा की प्रेरणा अपने गुरु दिग्विजय  सिंह से मिली है जो नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं. लेकिन महंत की यात्रा राजनीतिक मकसद के साथ जनसंपर्क साधने के मकसद से हो रही है लिहाज़ा इसके बाद महंत की यात्रा के राजनीतिक मायने हैं. महंत यात्रा के ज़रिए पार्टी में अपनी सक्रियता तेज़ कर देंगे. महंत की यात्रा की रणनीति बनाने के लिए उनके समर्थक रायपुर के देवेंद्र नगर बंगले में जुटना शुरु हो गए हैं. इस यात्रा से पहले महंत भूपेश बघेल की यात्राओं में शामिल होंगे. जिससे ये संदेश ना जाए कि ये यात्रा किसी प्रतिद्वंदिता के चलते हो रही है.

रायपुर में भी प्रमोद-विकास की और जांजगीर-चांपा में मोतीलाल देवांगन की पदयात्रा

भूपेश बघेल के अलावा केवल चरणदास महंत अकेले कांग्रेस नेता नहीं है जो यात्राओं पर रवाना हो रहे हैं. महंत के पहले रायपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विकास उपाध्याय और मेयर प्रमोद दुबे एक साथ यात्रा करेंगे  जबकि जांजगीर-चांपा के विधायक मोतीलाल देवांगन अपने क्षेत्र में पदयात्रा करेंगे.

रायपुर में प्रमोद दुबे और विकास उपाध्याय की प्रतिद्वंदिता किसी से छिपी नहीं है ऐसे में एक साथ यात्रा पर सबकी नज़रें रहेंगी. विकास उपाध्याय ने बताया कि उनकी यात्रा 12 दिसंबर से शुरु हो रही है जो पूरे 70 वार्डों में जाएगी. यात्रा के दौरान नुक्कड़ सभाएं आयोजित करके सरकार पर हमला किया जाएगा.

उधर जांजगीर- चांपा के विधायक मोतीलाल देवांगन 4 या 5 जनवरी से 24 जनवरी तक पदयात्रा करेंगे. ये पदयात्रा कुल 18 दिनों तक चलेगी. इसमें देवांगन तीन नगरीय निकायों और 38 गावों के हर गली, हर मुहल्ले में घुमेंगे. वे इस दौरान कार्यकर्ताओं के घर ही रुकेंगे और खाना खाएंगे.

कांग्रेस में ये बात सभी नेताओं को समझ में आ रही है कि पदयात्रा चुनावी प्रचार का बेहतर तरीका है. इसकी प्रेरणा खुद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दी थी. जब प्रदेश में नसबंदी कांड हुआ था तो राहुल गांधी ने भूपेश और टीएस को बिलासपुर से रायपुर तक पदयात्रा को कहा था. इसके बाद उन्होंने खुद कोरबा क्षेत्र में एक छोटी सी पदयात्रा की थी. इसके बाद कांग्रेस ने कई पदयात्राएं कर अपनी पकड़ मज़बूत की है. लिहाज़ा पार्टी के नेताओं को इसके फायदे दिख रहे हैं. अब नेताओं के बीच पदयात्रा की होड़ मची है. चर्चा है कि कई दूसरे बड़े नेता भी देखा-देखी पदयात्रा की योजना पर विचार कर रहे हैं.