मुंबई। राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने शुक्रवार को यहां कहा कि महाराष्ट्र में केवल पांच महीनों में जून-अक्टूबर 2021 में किसानों द्वारा आत्महत्या के 1,078 मामले दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र विधानमंडल में प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इनमें से 491 मामलों को संबंधित जिला स्तरीय समितियों द्वारा राज्य सरकार की महात्मा ज्योतिराव फुले ऋण माफी योजना के तहत पात्र घोषित किया गया और लाभ प्रदान किया गया है।

कारणों का हवाला देते हुए, वडेट्टीवार ने कहा कि किसानों की आत्महत्याओं की रिपोर्ट उच्च ऋण, चुकाने में असमर्थता, प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई क्षति, मिट्टी की उर्वरता और व्यक्तिगत / पारिवारिक कारणों से भी बताई गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए गंभीर है और वर्तमान में मृतक किसानों के बचे लोगों को 1,00,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

वडेट्टीवार ने कहा, “हालांकि, मेरे ख्याल से किसान आत्महत्याओं को ‘आपदा’ के रूप में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि मृतक किसानों के उत्तराधिकारियों को 4,00,000 रुपये की सहायता दी जा सके। मैं इस प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष लाऊंगा।”

उन्होंने कहा कि राज्य कैबिनेट ने उन्हें और कृषि मंत्री दादाजी भूसे को तेलंगाना के ‘रायथु बंधु कार्यक्रम’ का अध्ययन करने के लिए कहा है, जिसमें खरीफ और रबी सीजन में प्रत्येक किसान के लिए 5,000 रुपये / एकड़ के अनुदान के माध्यम से कृषि और बागवानी फसलों के लिए निवेश सहायता का प्रस्ताव है।

इसका उपयोग किसानों द्वारा उनके कल्याण के लिए विशेष फसल के मौसम के लिए चुने गए खेत में बीज, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम और अन्य निवेश जैसे कृषि आदानों के लिए किया जा सकता है।