महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे जो NCP (अजित पवार गुट) के नेता हैं, अपने विवादास्पद बयानों के कारण फिर से चर्चा में हैं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि “राज्य सरकार भिखारी है”, जिससे राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई. इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्रियों को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था चुनौतियों के बावजूद मजबूत स्थिति में है.

कोकाटे ने एक पुराने बयान में कहा था कि अब 1 रुपये में भिखारी भी नहीं मिलते, लेकिन राज्य सरकार ने किसानों को 1 रुपये में फसल बीमा प्रदान किया है, जिसका कुछ किसानों ने दुरुपयोग किया. जब इस बयान पर सवाल उठाए गए, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि असल में राज्य ही भिखारी है, क्योंकि वह किसानों से 1 रुपये ले रहा है. नासिक जिले के सिन्नर निर्वाचन क्षेत्र के मंत्री ने बताया कि 1 रुपये की फसल बीमा योजना के लिए 5 लाख से 5.3 लाख फर्जी आवेदन प्राप्त हुए थे, जिन्हें उन्होंने खारिज कर दिया और कई सुधारात्मक कदम उठाए. यह योजना, जो दो वर्ष पहले शुरू की गई थी, कुछ महीने पहले समाप्त कर दी गई और इसके स्थान पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई.

महाराष्ट्र के लोगों का अपमान

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोकाटे के बयान पर अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए गढ़चिरौली में संवाददाताओं से कहा कि यदि उन्होंने यह कहा है कि राज्य भिखारी है, तो यह अत्यंत गलत है. उन्होंने बताया कि राज्य हर साल कृषि क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है और अगले पांच वर्षों में कुल 25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. ऐसे बयान किसानों के आत्मसम्मान और राज्य की प्रतिष्ठा के खिलाफ हैं. इसी बीच, राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने इसे महाराष्ट्र के लोगों और पूर्व मुख्यमंत्रियों का अपमान करार दिया और कहा कि इस असंवेदनशील बयान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इस्तीफे की मांग उठी

कोकाटे पर ‘रमी गेम’ खेलने के आरोपों के चलते विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग की. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मंत्री विधानमंडल के दौरान मोबाइल पर ‘जंगली रमी’ खेलते नजर आ रहे थे. हालांकि, कोकाटे ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि वह केवल एक पॉप-अप गेम को बंद करने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें ‘रमी’ खेलना नहीं आता और उनका मोबाइल किसी गेम से जुड़ा नहीं है. इस विवाद को उन्होंने एक साजिश करार देते हुए उन नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने की बात कही, जिन्होंने अधूरे वीडियो के माध्यम से उन्हें बदनाम किया. उन्होंने यह भी कहा कि यदि वीडियो सही साबित होता है, तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.

सुप्रिया सुले, राकांपा (एसपी) सांसद, ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में राज्य को “भिखारी” कहने को असंवेदनशीलता करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि यह टिप्पणी राज्य के सभी मुख्यमंत्रियों और जनता की मेहनत का अपमान है, जिसे वे सहन नहीं करेंगे. इस बीच, जब मंत्री का काफिला नासिक रोड की ओर बढ़ रहा था, तो विपक्षी शिवसेना (उबाठा) के कुछ कार्यकर्ताओं ने विरोध स्वरूप उनके काफिले पर ताश के पत्ते फेंकने का प्रयास किया.

राकांपा (शरद पवार) के विधायक रोहित पवार ने रविवार को अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें कोकाटे विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान अपने मोबाइल पर ऑनलाइन ‘रमी’ खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो के प्रकाश में आने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई. राकांपा (एसपी) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सोमवार को दो वीडियो जारी किए, जिसमें आरोप लगाया गया कि कोकाटे ने हाल ही में राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान ‘जंगली रमी’ खेला. कोकाटे के इस्तीफे की मांग बढ़ने के बीच, राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि पार्टी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार इस वीडियो को गंभीरता से ले रहे हैं और वे मंत्री से चर्चा करेंगे.

कोकाटे ने संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि उन्हें ऑनलाइन रमी खेलना नहीं आता और इसके लिए ओटीपी और बैंक खाते को लिंक करना आवश्यक होता है. उन्होंने कहा कि कोई भी यह जांच सकता है कि उनका मोबाइल फोन किसी ऐसे गेम से जुड़ा है या नहीं. उन्होंने यह भी बताया कि वह एक गेम को हटाने की कोशिश कर रहे थे, जो कुछ सेकंड के लिए उनकी स्क्रीन पर दिखाई दिया था. इस्तीफे की मांग पर उन्होंने सवाल उठाया कि उन्होंने ऐसा क्या किया है कि उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या उन्होंने किसी से छेड़छाड़ की, चोरी की या किसानों के खिलाफ कोई निर्णय लिया है, और क्या उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि है.

कोकाटे ने घोषणा की है कि वे उन विपक्षी नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे जिन्होंने एक अधूरा वीडियो साझा करके उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि वीडियो का पूरा हिस्सा नहीं दिखाया गया, जिससे वास्तविकता स्पष्ट नहीं हो पाई. इस मुद्दे को अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. राकांपा नेता ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और विधानसभा अध्यक्ष को इस मामले में गहन जांच के लिए पत्र लिखने की बात कही. कोकाटे ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि वीडियो सही साबित होता है, तो वे अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, और वे बिना मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री से मिले ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे. इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कोकाटे के वीडियो क्लिप पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है.

एनसीपी के भीतर कोकाटे के बयान से असहजता का माहौल है, हालांकि पार्टी की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार के बयान और विधानसभा में अनुशासनहीनता की घटनाएं कोकाटे की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं, साथ ही सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए भी कठिनाइयाँ उत्पन्न कर रही हैं.