महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे(Raj Thackeray) और पार्टी के अन्य सदस्यों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट(Suprem Court) में एक याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग से MNS की मान्यता रद्द करने की भी अपील की है. यह याचिका महाराष्ट्र में मराठी भाषा नहीं बोलने वाले उत्तर भारतीयों के खिलाफ कथित घृणास्पद भाषण, लक्षित हिंसा और धमकियों से संबंधित कई मामलों में कार्रवाई की मांग करते हुए दायर की गई है. यह याचिका मुंबई के निवासी और महाराष्ट्र में पंजीकृत राजनीतिक दल उत्तर भारतीय विकास सेना (Uttar Bhartiya Vikas Sena) के अध्यक्ष सुनील शुक्ला द्वारा कोर्ट में दाखिल की गई है.
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याचिका के जरिए कोर्ट में की शिकायत
एडवोकेट श्रीराम पराक्कट द्वारा प्रस्तुत याचिका में सुनील शुक्ला और अन्य हिंदी भाषी व्यक्तियों पर घृणास्पद भाषण देने के कई आरोप लगाए गए हैं. इसके साथ ही, राज ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और चुनाव आयोग से एमएनएस की मान्यता को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत याचिका के अनुसार, हाल के महीनों में सुनील शुक्ला को उनकी राजनीतिक पहचान और उत्तर भारतीय अधिकारों के समर्थन के चलते महाराष्ट्र में कई गंभीर धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, जिसमें शारीरिक खतरे भी शामिल हैं. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि अब ये धमकियां हिंसा और शारीरिक हमलों के लिए सार्वजनिक रूप से भी बढ़ गई हैं.
याचिका में 30 मार्च को गुड़ी पड़वा रैली के दौरान राज ठाकरे द्वारा दिए गए भाषण का उल्लेख किया गया है, जिसमें उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उत्तर भारतीयों को मराठी भाषा नहीं बोलने के कारण सरकारी नौकरियों, जैसे मॉल और बैंकों में, काम करने के लिए हिंसा भड़काने के लिए उकसाया.
याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि एक विशेष भाषण का प्रसारण टीवी पर किया गया, जिसके परिणामस्वरूप मुंबई में हमले हुए, जिनमें पवई और वर्सोवा के डी-मार्ट में हुई घटनाएं शामिल हैं. इस दौरान हिंदी बोलने के कारण कई कर्मचारियों पर हमले किए गए. याचिकाकर्ता का कहना है कि ये घटनाएं भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 295ए, 504, 506 और 120बी तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के प्रावधानों का उल्लंघन करती हैं, जो भाषा और क्षेत्र के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देती हैं.
भाषा नहीं बोलेंगे तो ‘थप्पड़’ मारेंगेः राज ठाकरे
इस बीच, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे द्वारा बैंकों और अन्य संस्थानों में मराठी भाषा के उपयोग को लेकर उठाए गए कदमों की आलोचना की है. उन्होंने यह भी कहा कि मराठी भाषा को लेकर निचले स्तर के कर्मचारियों को निशाना बनाना निरर्थक है.
राज ठाकरे ने 30 मार्च को अपनी गुड़ी पड़वा रैली में आधिकारिक कार्यों के लिए मराठी भाषा को अनिवार्य बनाने के अपने पार्टी के दृष्टिकोण को दोहराते हुए चेतावनी दी थी कि जो लोग जानबूझकर इस भाषा का उपयोग नहीं करेंगे, उन्हें ‘थप्पड़’ का सामना करना पड़ेगा.
राज ठाकरे के खिलाफ याचिका किसने दायर की?
मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत की गई है, जिसे उत्तर भारतीय विकास सेना के नेता सुनील शुक्ला ने दायर किया है. इस याचिका में सुनील शुक्ला ने आरोप लगाया है कि मनसे के कार्यकर्ता हिंदी भाषियों पर हमले कर रहे हैं. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि राज ठाकरे के भड़काऊ भाषणों के कारण ये हमले बढ़ रहे हैं. याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग से मनसे की मान्यता रद्द करने की मांग भी की है. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस याचिका के बाद मनसे की प्रतिक्रिया क्या होती है.
सदन में भी उठा मुद्दा
हाल ही में संसद के बजट सत्र के दौरान महाराष्ट्र में हिंदी भाषी यूपी-बिहार के निवासियों पर हमलों का मामला चर्चा में आया. इस विषय को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास के सांसद राजेश वर्मा ने उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ता रोजी-रोटी कमाने के लिए महाराष्ट्र आए हिंदी भाषी लोगों को निशाना बनाकर हिंसा कर रहे हैं. इस संदर्भ में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कार्रवाई करने की अपील की है.
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