Mahesh Navami 2024 : इस दिन देवों के देव महादेव की कृपा से माहेश्वरी समाज की वंशोत्पत्ति हुई है. अतः माहेश्वरी समाज के लिए महेश नवमी का विशेष महत्व है. इस दिन मंदिर एवं शिवालय में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन हेतु मंदिर आते हैं.

इस अवसर पर माहेश्वरी समाज द्वारा सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यों का आयोजन किया जाता है.

महेश नवमी पर क्या करें क्या ना करें (Mahesh Navami 2024)

1. महेश नवमी के दिन भगवान शिव को यदि प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें. इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है.

2) भक्तजनों को शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है. ऐसा करने से धन हानि और बीमारियां भी हो सकती हैं.

3) शिवलिंग पर कभी भी तुलसी की पत्ती नहीं चढ़ाएं. शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से पहले यह ध्यान रखें कि पाश्चुरीकृत या पैकेट का दूध इस्तेमाल ना करें और शिवलिंग पर ठंडा दूध ही चढ़ाएं. अभिषेक हमेशा ऐसे पात्र से करना चाहिए जो सोना, चांदी या कांसे का बना हो. अभिषेक के लिए कभी भी स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग ना करें.

4) भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं. ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था. केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए.

5) महेश नवमी के दिन मांस या मदिरा-पान का सेवन करने से बचना चाहिए. इस दिन सात्विक भोजन करना सही होता है.

6) शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए. पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण. जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए.

7) भगवान शिव को दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, घी, चीनी और जल का प्रयोग करते हुए तिलक लगाएं. भोलेनाथ को वैसे तो कई फल अर्पित किए जा सकते हैं, लेकिन महेश नवमी पर बेर जरूर अर्पित करें क्योंकि बेर को चिरकाल का प्रतीक माना जाता है.