शब्बीर अहमद, भोपाल/रीवा। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले के मुख्य फरियादी हरभजन सिंह का निधन हो गया है। तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। वे इंदौर नगर निगम में इंजीनियर थे।
दरअसल, 17 सितंबर 2019 को जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तब हनीट्रैप कांड सामने आया था। इंदौर में नगर निगम के तत्कालीन इंजीनियर रहे हरभजन सिंह ने इंदौर के पलासिया पुलिस थाने में ब्लैकमेलिंग की शिकायत की थी। जिसके बाद हनीट्रैप की परतें खुलनी शुरू हुई थी।
हरभजन सिंह ने इंदौर पुलिस से शिकायत में बताया था कि चार महिलाएं उसे ब्लैकमेल कर रही है। जिसके बाद चारों महिलाओं की इस मामले में गिरफ्तारी हुई थी। हरभजन ने शिकायत में कहा था कि महिलाएं उन्हे वीडियो रिकार्डिंग के नाम पर ब्लैकमेल कर रही है। इस पूरे मामले में पुलिस ने SIT का गठन किया था और SIT के गठन के बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। पूरी सुनवाई के बाद इंदौर जिला कोर्ट ने गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया।
इस पूरे मामले में श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी, आरती दयाल, श्वेता जैन और मोनिका को पुलिस ने आरोपी बनाकर कोर्ट के समक्ष पेश किया था। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं।
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