अमित पांडेय, डोंगरगढ़. राजनांदगांव जिले के चिचोला चौकी क्षेत्र के महाराजपुर स्थित श्री जय गुरुदेव राइस मिल में शनिवार शाम जो हुआ, उसने औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी. राइस मिल परिसर में बनी करीब 75 क्विंटल वजनी चिमनी अचानक भरभराकर नीचे गिर पड़ी. पल भर में कामकाज का माहौल चीख-पुकार और भगदड़ में बदल गया. हादसे के वक्त चिमनी के आसपास 25 से 30 मजदूर काम कर रहे थे. शाम लगभग 4:30 बजे हुए इस भीषण हादसे में मोतीपुर निवासी मुकेश कुमार कंवर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. चिमनी के मलबे ने उसे संभलने तक का मौका नहीं दिया.इस दुर्घटना में गजानंद और रमेश कुमार कंवर गंभीर रूप से घायल हो गए. (राजनांदगांव के राइस मिल में चिमनी गिरने से एक मजदूर की मौत)

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हालात इतने भयावह थे कि रमेश कंवर का शरीर चिमनी के मलबे और हजारों क्विंटल चावल के नीचे दब गया. रेस्क्यू के दौरान उसका ऊपरी हिस्सा किसी तरह बाहर निकाला गया और उसे गंभीर अवस्था में राजनांदगांव जिला अस्पताल भेजा गया, जबकि उसका पैर लंबे समय तक चावल और मलबे में दबा रहा. यह दृश्य देख मजदूरों और मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए.

घटना की सूचना मिलते ही चिचोला पुलिस चौकी की टीम मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू कराया. पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. चिमनी की जर्जर हालत, नियमित निरीक्षण और सुरक्षा मानकों के पालन को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. हादसे के बाद क्षेत्र में तनाव और डर का माहौल है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि हादसे के वक्त मजदूरों की संख्या थोड़ी और ज्यादा होती, तो मृतकों की संख्या भी बढ़ सकती थी. यह हादसा साफ तौर पर बताता है कि औद्योगिक इकाइयों में मजदूरों की जान आज भी लापरवाही और मुनाफे की बलि चढ़ रही है. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या इस मौत के लिए सिर्फ हादसा जिम्मेदार माना जाएगा, या जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी होगी?