कुमार इंदर, जबलपुर। डीजीजीआई (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) की जबलपुर ब्रांच ने जीएसटी चोरी के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। यह घोटाला फर्जी इनवॉइस जारी कर और उनके माध्यम से आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) की अवैध खरीद-फरोख्त से जुड़ा हुआ है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जांच में सामने आया है कि कुल 335 करोड़ रुपए से ज्यादा के फर्जी बिल जारी किए गए थे। इन फर्जी बिलों के जरिए करीब 58 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फर्जी लेनदेन किया गया था। डीजीजीआई जबलपुर की टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल छापेमारी की कार्रवाई की और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार, एजेंसी द्वारा आरोपी से पूछताछ की जा रही है और संबंधित अन्य फर्मों की भी जांच की जा रही है जो इस फर्जीवाड़े में शामिल हो सकती हैं। ऐसे फर्जी आईटीसी नेटवर्क के जरिए सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही थी। यह भी सामने आया है कि, आरोपी ने कई फर्जी फर्मों के नाम पर इनवॉइस जारी किए थे, जिनका कोई वास्तविक व्यापारिक लेनदेन नहीं था।
355 करोड़ से कहीं ज्यादा है घोटाला
सूत्रों की माने तो प्रारंभिक जांच में अभी 355 करोड रुपए का घोटाला सामने आया है। सूत्र बताते हैं कि अभी इस मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी और भी खुलासे हो सकते हैं, साथ ही घोटाले की रकम में भी इजाफा हो सकता है।
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