चेतन योगी, देवास। मध्य प्रदेश के देवास में महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी रामप्रवेश तिवारी को बुधवार को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई उज्जैन लोकायुक्त टीम ने की। गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब तिवारी देवास कलेक्टर कार्यालय में आयोजित बैठक में शामिल होने जा रहे थे।
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लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार, बागली परियोजना में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर प्रीतेश तंवर ने तिवारी के खिलाफ रिश्वतखोरी की शिकायत दर्ज कराई थी। प्रीतेश ने आरोप लगाया कि तिवारी ने उनका दो महीने का वेतन रोकने और दूसरी जगह किसी अन्य ऑपरेटर को लगा देने की धमकी देकर कुल 18 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह राशि दो किस्तों में लेने की योजना थी – पहली किस्त 9 हजार और दूसरी किस्त 9 हजार रुपये।शिकायत के बाद लोकायुक्त ने ट्रैप लगाया।
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पहले चरण में प्रीतेश ने 4 हजार रुपये तिवारी को दे दिए थे। बाकी बचे 5 हजार रुपये देने के लिए आज तिवारी ने प्रीतेश को अपनी निजी कार में बुलाया। जैसे ही प्रीतेश ने पैसे दिए, लोकायुक्त की टीम ने उनकी कार का करीब एक किलोमीटर तक पीछा किया और उसके बाद तिवारी को धर दबोचा। लोकायुक्त डीएसपी दिनेशचंद्र पटेल ने बताया कि शिकायत 4 दिसंबर 2025 को दर्ज की गई थी। सत्यापन के बाद आज ट्रैप सफल रहा और आरोपी अधिकारी को रिश्वत की राशि सहित गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।आरोपी अधिकारी को कोर्ट में पेश किया जा रहा है। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है।
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